

सन्मार्ग संवाददाता
श्री विजयपुरम : अंडमान एवं निकोबार द्वीप समूह के युवा शेखर राव ने ‘नशा मुक्त भारत अभियान’ के तहत 110 दिनों की प्रेरणादायक एकल जनजागरूकता यात्रा पूरी की है। उनके इस प्रयास की सराहना समाज कल्याण निदेशालय सहित विभिन्न संस्थानों द्वारा की जा रही है।
यह यात्रा 26 जून को सेल्युलर जेल से आरंभ हुई, जो न केवल एक ऐतिहासिक स्मारक है बल्कि स्वतंत्रता संग्राम और बलिदान की भावना का प्रतीक भी है। शेखर राव ने अपनी इस यात्रा को ‘देखो अपना देश, अपना अंडमान’ थीम के तहत शुरू किया, जिसका उद्देश्य था – देश के विभिन्न हिस्सों में युवाओं को नशा के दुष्प्रभावों से अवगत कराना और उन्हें नशामुक्त जीवन के लिए प्रेरित करना।
शेखर राव ने अपनी यात्रा के पहले चरण में अंडमान के अनेक क्षेत्रों—बाँबूफ्लैट, छोलदारी, जिरकाटंग, बाराटांग, रंगत, मयाबंदर, डिगलीपुर, स्वराज द्वीप, शहीद द्वीप, लिटिल अंडमान और इंदिरा पॉइंट—का भ्रमण किया। उन्होंने स्थानीय युवाओं और समुदायों से संवाद कर नशामुक्त समाज के लिए जागरूकता फैलायी।
इसके बाद उन्होंने अपनी यात्रा को मुख्यभूमि भारत में विस्तारित किया। चेन्नई से शुरू कर उन्होंने बेंगलुरु, रामेश्वरम, कन्याकुमारी, तिरुवनंतपुरम, कोच्चि, गोवा, मुंबई, वडोदरा, उदयपुर, जोधपुर, जैसलमेर, आगरा, दिल्ली और अमृतसर जैसे प्रमुख शहरों में छात्रों, युवाओं और आम लोगों को संबोधित किया।
यात्रा के दौरान विभिन्न शैक्षणिक संस्थानों, सामाजिक संगठनों और स्थानीय प्रशासन ने उनके अभियान का समर्थन किया और उनकी पहल की सराहना की।
शेखर राव की यह यात्रा केवल एक व्यक्तिगत मिशन नहीं है, बल्कि यह एक राष्ट्रीय जनआंदोलन का रूप लेती जा रही है। अब वे अपने आगामी चरण में जम्मू-कश्मीर के लाल चौक तक यात्रा जारी रखेंगे, ताकि 'नशा मुक्त भारत, नशा मुक्त युवा' का संदेश देश के अंतिम छोर तक पहुँच सके।
उनकी यह पहल युवाओं के लिए एक प्रेरणा है कि कैसे एक व्यक्ति अपने संकल्प और समाज सेवा की भावना से सकारात्मक बदलाव ला सकता है।