कोलकाता: शारदीय नवरात्रि इस वर्ष 3 अक्टूबर से प्रारंभ होगी, जब माता पालकी पर सवार होकर पधारेंगी। ज्योतिषियों के अनुसार, इस नवरात्रि का समय अत्यंत शुभ है। भक्त इन नौ दिनों में देवी दुर्गा की पूजा और आराधना करते हैं, जहां हर दिन माता के अलग-अलग रूपों की पूजा होती है। नवरात्रि का यह पर्व भक्ति और आस्था का प्रतीक है, जिसमें माता भक्तों पर अपनी कृपा बरसाती हैं। मान्यता है कि इस समय की गई आराधना से जीवन में सुख और समृद्धि आती है, और कष्टों का निवारण होता है।
कब से कब तक है शारदीय नवरात्रि
शारदीय नवरात्रि अश्विन माह के शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा तिथि से शुरू होती है। इस वर्ष यह तिथि 2 अक्टूबर को रात 12:18 बजे प्रारंभ होगी और 4 अक्टूबर को सुबह 2:58 बजे तक रहेगी। नवरात्रि का आरंभ 3 अक्टूबर (गुरुवार) से होगा और इसका समापन 11 अक्टूबर को नवमी के साथ होगा। विजयादशमी 12 अक्टूबर को मनाई जाएगी।
कलश स्थापना का मुहूर्त
शारदीय नवरात्रि के पहले दिन कलश स्थापना की जाती है। इस वर्ष कलश स्थापना का शुभ मुहूर्त 3 अक्टूबर को सुबह 6:15 से 7:22 बजे तक रहेगा। इसके बाद, अभिजीत मुहूर्त में सुबह 11:46 से 12:33 बजे तक भी कलश स्थापना की जा सकती है। इस नवरात्रि में माता पालकी पर सवार होकर आएंगी, जिसे देवी पुराण में अत्यंत शुभ माना गया है। जब नवरात्रि का आरंभ गुरुवार और शुक्रवार को होता है, तब माता की सवारी पालकी पर होती है। इस बार शारदीय नवरात्रि का उत्सव भक्ति, श्रद्धा और खुशी के साथ मनाने का सुनहरा अवसर है!