महानगर समेत कई जिलों में भारी बारिश की संभावना

मछुआरों को समुद्र में जाने से किया मना
महानगर समेत कई जिलों में भारी बारिश की संभावना
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सन्मार्ग संवाददाता

कोलकाता : राज्य में लगातार कई दिनों से हो रही बारिश ने लोगों को गर्मी से राहत दिलाई है। अलीपुर मौसम विभाग के मुताबिक, ओडिशा तट से दूर बंगाल की खाड़ी के उत्तर-पश्चिमी भाग पर निम्न दबाव का खतरा मडरा रहा है। हालांकि यह धीरे-धीरे उत्तर की ओर बढ़ने लगा है और अगले 24 घंटों के भीतर बंगाल की खाड़ी के उत्तरी भाग में केंद्रित होने की संभावना है। मौसम विभाग के अनुसार, गुरुवार से शनिवार तक कई जिलों में भारी बारिश होने की संभावना है। इसके साथ ही 40 से 50 किमी प्रति घंटे की गति से तेज हवा चल सकती है, जो बढ़कर 60 किमी प्रति घंटे तक हो सकती है। यह अगले दो दिनों में पश्चिम बंगाल के बड़े हिस्से और सिक्किम के कुछ हिस्सों में प्रवेश करेगी। हालांकि बुधवार से महानगर समेत कई जिलों में ऑरेंज अलर्ट जारी कर दिया गया है। मौसम विभाग का मानना है कि बुधवार से शनिवार तक राज्य के 70 फीसदी जिलों में सबसे अधिक बारिश हो सकती है। ऐसे में बुधवार को कोलकाता का न्यूनतम तापमान 26 डिग्री सेल्सियस और अधिकतम तापमान 31 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया।

मछुआरों को समुद्र में जाने पर लगी रोक

मौसम विभाग के अनुसार सबसे ज्यादा बारिश तटीय इलाकों में होने की संभावना है। इसे लेकर प्रशासन भी अलर्ट है। सभी तटीय इलाकों में इस समय लोगों को बीच पर जाने से मना किया जा रहा है। इसके साथ ही लगातार माइकिंग के जरिए मछुआरों को समुद्र में जाने से रोक लगाई जा रही है और गहरे समुद्र में न जाने के लिए कहा जा रहा है। मौसम विभाग का यह भी कहना है कि शुक्रवार-शनिवार को उत्तर बंगाल में बारिश की तीव्रता बढ़ेगी।

इन जिलों में हो सकती है 200 मिमी तक बारिश

अलीपुर मौसम विभाग के अनुसार उत्तर और दक्षिण 24 परगना, पूर्व और पश्चिम मिदनापुर, झाड़ग्राम के साथ-साथ कोलकाता, हावड़ा, हुगली, बांकुड़ा, पश्चिम बर्दवान में आपदा देखने को मिल सकती हैं। वहीं शुक्रवार को भी अधिकांश जिलों में भारी बारिश हो सकती है। इसके साथ ही सात जिलों में भारी बारिश की चेतावनी दी गई है। पूर्व और पश्चिम, पूर्व मिदनापुर और पश्चिम मिदनापुर, बांकुड़ा, बीरभूम, हुगली हैं। इन सभी जिलों में 200 मिमी तक बारिश हो सकती है। कोलकाता सहित बाकी जिलों में 70 से 110 मिमी बारिश हो सकती है। पहाड़ी इलाकों में भूस्खलन का भी खतरा है। उत्तर की नदियों में पानी बढ़ सकता है। शहर और उपनगरों के जलमग्न होने का खतरा बढ़ गया है।

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