अरुणाचल प्रदेश में शून्य दाखिले के कारण 386 सरकारी स्कूलों को बंद करने का आदेश

पश्चिम कामेंग जिले में सबसे अधिक 73 स्कूल बंद हुए
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ईटानगर : अरुणाचल प्रदेश सरकार ने समूचे राज्य में 386 ऐसे सरकारी स्कूलों को बंद करने का आदेश दिया है जिनमें चालू शैक्षणिक वर्ष में एक भी छात्र का दाखिला नहीं हुआ। राज्य के पश्चिम कामेंग जिले में सबसे अधिक 73 स्कूल बंद हुए हैं। अन्य जिलों में पापुमपारे में 50 स्कूल, पश्चिम सियांग में 31 स्कूल, अपर सुबानसिरी और सियांग में 28-28 स्कूल तथा पूर्वी कामेंग में 23 स्कूल बंद हुए हैं। कई अन्य जिलों में भी एक से लेकर 22 स्कूल बंद हुए हैं।

कई वर्षों से बंद पड़े हैं स्कूल

राज्य शिक्षा विभाग ने एकीकृत जिला सूचना प्रणाली (यूडीआईएसई) के आंकड़ों के विस्तृत विश्लेषण के बाद सोमवार को आदेश जारी किया, जिसमें बड़ी संख्या में ऐसे स्कूलों की पहचान की गयी है जो कई वर्षों से बंद पड़े हैं। इस निर्णय का उद्देश्य शैक्षिक बुनियादी ढांचे को युक्तिसंगत बनाना और शिक्षण कर्मचारियों और सुविधाओं का बेहतर उपयोग करना है। इसके कारण लगभग हर जिले के स्कूल प्रभावित हुए हैं, जिनमें कुरुंग कुमे, तवांग, अंजॉ, चांगलांग और ऊपरी सुबानसिरी जैसे दूरदराज और सीमावर्ती क्षेत्र शामिल हैं।

स्कूलों को बंद करना युक्तिसंगत पहल का हिस्सा

इस सूची में प्राथमिक, उच्च प्राथमिक, मध्य और माध्यमिक सरकारी स्कूल शामिल हैं, जिनमें इस साल और कुछ मामलों में कई शैक्षणिक सत्रों से एक भी छात्र का नामांकन नहीं हुआ है।शिक्षा विभाग के अधिकारियों ने बताया कि स्कूलों को बंद करना एक बड़ी युक्तिसंगत पहल का हिस्सा है, जिसका उद्देश्य शैक्षिक संसाधनों को समेकित करना और सीखने के परिणामों में सुधार करना है। उन्होंने कहा कि सरकार का उद्देश्य बिना छात्रों वाले स्कूलों को बंद करके उन संस्थानों में कर्मचारियों को पुनः नियुक्त करना है जो सक्रिय रूप से बच्चों की सेवा कर रहे हैं और जिन्हें सहायता की आवश्यकता है।

राज्य में दूसरी बार इतनी बड़ी संख्या में स्कूलों को बंद किया गया

राज्य में दूसरी बार है जब इतनी बड़ी संख्या में स्कूलों को बंद किया गया है। पिछले साल भी राज्य सरकार ने 600 स्कूलों को बंद किया था, जो या तो बंद थे या जिनमें कोई दाखिला नहीं हुआ था। शिक्षा विभाग के अधिकारियों ने बताया कि यह युक्तिकरण राष्ट्रीय शिक्षा नीति (एनईपी) 2020 के लक्ष्यों के अनुरूप है, जो शिक्षा की गुणवत्ता और स्कूल के बुनियादी ढांचे के कुशल प्रबंधन को प्राथमिकता देता है। निष्क्रिय संस्थानों को बंद करके सरकार शिक्षकों और कर्मचारियों को उन कार्यात्मक स्कूलों में फिर से नियुक्त करने की योजना बना रही है, जिन्हें अतिरिक्त संसाधनों की आवश्यकता है।

कर्मचारियों की पुनर्नियुक्ति के प्रबंधन का निर्देश

स्कूल शिक्षा के सभी उप निदेशकों (डीडीएसई) और ब्लॉक शिक्षा अधिकारियों (बीईओ) को पहचाने गये स्कूलों के तत्काल भौतिक बंद होने की निगरानी करने और शिक्षण और गैर-शिक्षण कर्मचारियों दोनों की पुनर्नियुक्ति का प्रबंधन करने का निर्देश दिया गया है। ऐसे मामलों में जहां छात्र हाल ही में इन बंद हो चुके स्कूलों में चले गये हैं, उनकी शिक्षा में किसी भी तरह की बाधा को रोकने के लिए उन्हें पास के कार्यरत संस्थानों में स्थानांतरित करने की व्यवस्था की जायेगी।

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