नयी दिल्ली : दिल्ली के राम मनोहर लोहिया अस्पताल में पिछले दो हफ्ते से भर्ती जम्मू-कश्मीर के पूर्व राज्यपाल सत्यपाल मलिक ने केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) के उनके खिलाफ आरोपपत्र दाखिल किये जाने के मामले में उन्होंने सीबीआई और ईडी से आग्रह किया है कि उनपर झूठे लांछन न लगाये जायें और वे अभी एक कमरे के मकान में रह रहे हैं और उनपर कर्ज भी है।
अस्पताल में भर्ती हैं मलिक
गौरतलब है कि सीबीआई ने किरू जलविद्युत परियोजना से जुड़े एक कथित भ्रष्टाचार के मामले में पिछले दिनों मलिक के खिलाफ आरोपपत्र दायर किया था। इसके बाद पूर्व राज्यपाल ने एक फोटो शेयर करते हुए बताया था कि वे अस्पताल में भर्ती हैं। मलिक ने ‘एक्स’ पर अपनी प्रतिक्रिया दी कि पिछले लगभग 2 सप्ताह से अस्पताल में भर्ती हूं ओर अभी दो दिन पहले मोदी सरकार की एजेंसी सीबीआई ने मेरे ऊपर आरोपपत्र दाखिल किया है।
'आरोपपत्र से डरने वाला नहीं हूं'
मलिक ने कहा कि मैं अपने देशवासियों को बताना चाहता हूं कि मैं किसान का बेटा हूं ओर किसान मसीहा स्वर्गीय चौधरी चरणसिंह जी द्वारा स्थापित सिद्धांत का पालन करते हुए अपने राजनीतिक जीवन में पूर्ण ईमानदार रहा हूं। इस आरोपपत्र से डरने वाला नहीं हूं। जिस आरोपपत्र में मुझे फंसाया जा रहा है उस टेंडर के बारे में मैंने खुद प्रधानमंत्री मोदी को बताया था कि इसमें भ्रष्टाचार है, इसलिए मैंने उसको कैंसल कर दिया था और यह टेंडर दोबारा मेरे तबादला होने के बाद हुआ है।
क्या है मामला?
सीबीआई ने किरू जलविद्युत परियोजना में 2,200 करोड़ रुपये के सिविल कार्यों के ठेके में कथित भ्रष्टाचार के सिलसिले में जम्मू-कश्मीर के पूर्व राज्यपाल सत्यपाल मलिक और सात अन्य लोगों के खिलाफ आरोपपत्र दाखिल किया। एजेंसी ने तीन साल की जांच के बाद मलिक और उनके दो सहयोगियों वीरेंद्र राणा और कंवर सिंह राणा को अभियुक्त बनाते हुए विशेष अदालत के समक्ष आरोप पत्र दाखिल किया। अधिकारियों ने बताया कि आरोपपत्र में जिन अन्य लोगों के नाम हैं उनमें 'चेनाब वैली पावर प्रोजेक्ट्स प्राइवेट लिमिटेड' (सीवीपीपीपीएल) के तत्कालीन प्रबंध निदेशक एमएस बाबू, कंपनी के निदेशकों अरुण कुमार मिश्रा व एम के मित्तल, निर्माण कंपनी ‘पटेल इंजीनियरिंग लिमिटेड’ के प्रबंध निदेशक रूपेन पटेल और कंवलजीत सिंह दुग्गल नाम का व्यक्ति शामिल है।