सानटेक ग्लोबल ने आईआईटी खड़गपुर से मिलाया हाथ

कोलकाता सेमीकंडक्टर हब की नयी उपलब्धि
From L-R: CG Kathy Giles-Diaz, Dr Santosh Mukherjee, Dr Anandaroop Bhattacharya and Dr Surjya Kanta Pal and
From L-R: CG Kathy Giles-Diaz, Dr Santosh Mukherjee, Dr Anandaroop Bhattacharya and Dr Surjya Kanta Pal and
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कोलकाता: भारत-अमेरिका के बीच तकनीकी सहयोग का नया अध्याय शुरू हो गया है। कोलकाता में अत्याधुनिक सेमीकंडक्टर हब के निर्माण को और भी ऊंचाई प्रदान करने के लिए सानटेक ग्लोबल और आईआईटी खड़गपुर ने 'अमेरिकन सेंटर' में एक महत्वपूर्ण समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किये।

इस पहल का उद्देश्य सेमीकंडक्टर और क्वांटम तकनीक में अनुसंधान, नवाचार को बढ़ावा देना और इंडो-पैसिफिक क्षेत्र में सुरक्षा को मजबूत करना है। अमेरिकी कौंसुल जनरल कैथी गाइल्स-डियाज ने इस समझौते को दोनों देशों के बीच बढ़ती साझेदारी का प्रतीक बताया, जो रणनीतिक लक्ष्यों को सशक्त करेगा और वैश्विक तकनीकी नेतृत्व को मजबूती देगा।

सानटेक ग्लोबल के चेयरमैन डॉ. संतोष मुखर्जी ने कहा कि यह पहल अमेरिका के नवाचार और भारत, खासकर बंगाल की शैक्षणिक ताकत को जोड़ने वाला सेतु है। वे सेमीकंडक्टर और क्वांटम तकनीक के डिजाइन, प्रोटोटाइप और वाणिज्यीकरण पर काम करेंगे। इसके तहत नयी पीढ़ी के चिप डिजाइन, उत्पादन, एआई-आधारित अनुसंधान केंद्र और कोलकाता में उत्कृष्टता केंद्र स्थापित किए जाएंगे।

आईआईटी खड़गपुर के निदेशक डॉ. सुमन चक्रवर्ती ने इस साझेदारी को भविष्य की तकनीक के लिए ऐतिहासिक कदम बताया। उन्होंने कहा कि यह भारत-अमेरिका के बीच विश्वस्तरीय अनुसंधान और शिक्षा के नये द्वार खोलेगा।

दोनों पक्षों ने पश्चिम बंगाल सरकार के प्रति उसके निरंतर सहयोग के लिए आभार भी व्यक्त किया। विशेषज्ञों का मानना है कि कोलकाता में यह केंद्र भारत के तकनीकी क्षेत्र में नयी क्रांति लाएगा और क्षेत्रीय सुरक्षा एवं सामरिक संतुलन को मजबूत करेगा।

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