नयी दिल्ली : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शुक्रवार को कहा कि कभी ‘बम, बंदूक और नाकेबंदी’ का पर्याय रहा पूर्वोत्तर क्षेत्र अब अभूतपूर्व प्रगति कर रहा है और सरकार उसकी विकास गाथा को गति देने के लिए दृढ़ संकल्पित है। प्रधानमंत्री ने कहा कि उनकी सरकार के लिए ‘ईस्ट’ का मतलब है ‘सशक्तीकरण, कार्य, सुदृढ़ीकरण और परिवर्तन’ है जो क्षेत्र के लिए नीतिगत ढांचे को परिभाषित करता है। इस दृष्टिकोण ने पूर्वी भारत, विशेष रूप से पूर्वोत्तर को देश के विकास पथ के केंद्र में रखा है।
आसियान-भारत व्यापार पहुंचेगा 200 बिलियन डॉलर के पार
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ‘राइजिंग नार्थ ईस्ट इनवेस्टर्स समिट 2025’ के उद्घाटन सत्र को संबोधित करते हुए कहा विकसित भारत के लिए पूर्वी भारत का विकास होना जरूरी है। पिछले दस साल में हम ‘लुक ईस्ट से एक्ट ईस्ट’ नीति तक आ गये हैं। पूर्वोत्तर भारत अवसरों की भूमि और आसियान देशो का प्रवेश द्वार बन रहा है। उन्होंने कहा कि फिलहाल आसियान देशों से भारत का व्यापार 125 बिलियन डॉलर का है आने वाले वर्षों में ये 200 बिलियन डॉलर पार कर जायेगा। कार्यक्रम में उपस्थित देश के बड़े उद्योगपतियों पर भरोसा जताते हुए उन्होंने कहा कि आपका उत्साह और प्रतिबद्धता उम्मीद को विश्वास में बदल रही है। सामूहिक प्रयास से ‘अष्टलक्ष्मी’ को विकसित भारत की प्रेरणा सब मिल कर बनायेंगे।
पूर्वोत्तर हमारी ‘अष्टलक्ष्मी’
मोदी ने कहा पिछले 11 साल में पूर्वोत्तर भारत में हमने सरकारी योजनाओं के माध्यम से क्षेत्र से दिल का रिश्ता जोड़ा। केंद्रीय मंत्रियों ने 11 साल में इस क्षेत्र के 700 दौरे किये। बुनियादी ढांचे को सुधार को केवल ईंट और सीमेंट के रूप में नहीं देखा बल्कि हमने भावनात्मक संबंध बनाये। पूर्वोत्तर हमारी ‘अष्टलक्ष्मी’ है और इसकी समृद्धि के आठ रूप हैं – बायो इकोनोमी, बांस, चाय, पेट्रोलियम, कौशल, इको टूरिज्म और आर्गेनिक उत्पाद। प्रधानमंत्री ने कहा पूर्वोत्तर भारत ऊर्जा और सेमीकंडक्टर के महत्वपूर्ण गंतव्य के रूप में उभर रहा है। खासकर असम इसमें अहम भूमिका निभा रहा है जल्द ही असम देश को पहली सेमी कंडक्टर चिप देगा। कनेक्टिविटी इस क्षेत्र के विकास में अहम योगदान दे रही है वायु ,सड़क और जल मार्ग। हवाईअड्डो की संख्या 9 से 17 हो गयी, 11000 किलोमीटर के राजमार्ग बनाये गये, सैंकडों किलोमीटर की रेल लाइनें बिछायी गयीं बराक और ब्रहम्पुत्र नदियों पर जलमार्ग विकसित किये गये।
आंतकवाद और माओवाद पर जीरो ट़ॉलरेंस नीति
मोदी ने कहा कि किसी भी क्षेत्र के विकास के लिए शांति और कानून व्यवस्था की बहुत आवश्यकता होती है हमने आंतकवाद और माओवाद पर जीरो ट़ॉलरेंस नीति रखी. साथ ही युवाओं के भविष्य को ध्यान में रखते हुए एक के बाद एक शांति समझौते किये। पिछले एक दशक में 10000 युवा हथियार डाल कर मुख्य धारा में शामिल हुए।