

कोलकाता: सिलीगुड़ी के बाद अब कोलकाता में भी बंगाल की पहली महिला विश्वकप विजेता क्रिकेटर ऋचा घोष को सम्मानित किया गया। बंगाल क्रिकेट संघ (सीएबी) की ओर से शनिवार को ईडन गार्डन्स में आयोजित समारोह में मुख्यमंत्री ममता बनर्जी और पूर्व क्रिकेट कप्तान सौरव गांगुली मौजूद थे।
सौरव की पहल पर आयोजित इस कार्यक्रम में ऋचा को सोने की बैट-बॉल, पुष्पहार, उत्तरीय और 34 लाख रुपये का चेक दिया गया। ऋचा ने फाइनल में इतने ही रन बनाए थे। राज्य सरकार ने उन्हें ‘बंगभूषण’ सम्मान और पुलिस में डीएसपी पद की नियुक्ति दी। इस अवसर पर ऋचा अपने माता-पिता के साथ ईडन पहुंचीं।
समारोह में राज्य के खेल मंत्री अरूप विश्वास, पुलिस आयुक्त मनोज वर्मा, पूर्व कप्तान झूलन गोस्वामी और कई पूर्व क्रिकेटर मौजूद थे। झूलन ने बताया कि 2013 में उन्होंने ही ‘टैलेंट हंट’ कार्यक्रम के दौरान ऋचा की प्रतिभा पहचानी थी। सौरव गांगुली ने कहा, ऋचा छठे नंबर पर आकर रन बनाती हैं, जो सबसे कठिन स्थिति होती है। उसका स्ट्राइक रेट ही उसे खास बनाता है। मुझे उम्मीद है कि ऋचा घोष एक दिन भारतीय टीम की कप्तान बनेगी।
उन्होंने यह भी कहा कि राज्य सरकार की मदद से डुमुरजला में एक साल के भीतर विश्वस्तरीय क्रिकेट अकादमी बनाई जाएगी। इस दौरान मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने ऋचा को शुभकामनाएं दीं और कहा, हम सभी चाहते हैं कि वह एक दिन भारत की कप्तान बने। लेकिन उस पर दबाव नहीं डालना चाहती।
उन्होंने मजाकिया लहजे में कहा, मैं चाहती हूं कि सौरव गांगुली एक दिन आईसीसी के प्रमुख बनें। विश्वकप विजेता ऋचा घोष ने कहा, मैं हमेशा कठिन परिस्थितियों में खेलना पसंद करती हूं। टीम को जिताना ही मेरा लक्ष्य है। इस ऐतिहासिक पल में सौरव और ममता दोनों ने बंगाल की बेटी पर गर्व जताया।