

नई दिल्ली - भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने आज लगातार तीसरी बार रेपो रेट में कमी की है। इस बार आरबीआई ने रेपो रेट में 50 बेसिस पॉइंट्स यानी 0.50% की सीधी कटौती की है। शुक्रवार को गवर्नर संजय मल्होत्रा ने इस कटौती की घोषणा की। नए फैसले के अनुसार अब रेपो रेट 6.00% से घटकर 5.50% पर आ गया है।
इससे पहले कब घटाया गया था रेपो रेट
बुधवार, 4 जून से शुरू हुई भारतीय रिजर्व बैंक की मौद्रिक नीति समिति (MPC) की बैठक का आज समापन हुआ। गवर्नर संजय मल्होत्रा की अध्यक्षता में हुई इस महत्वपूर्ण बैठक में रेपो रेट में कटौती का निर्णय लिया गया। जबकि ज्यादातर विशेषज्ञों ने 0.25% की कमी की उम्मीद जताई थी, आरबीआई ने इस बार इससे अधिक कटौती की। गौरतलब है कि आरबीआई इस साल अब तक तीन बार रेपो रेट घटा चुका है। पहली बार 7 फरवरी को रेपो रेट को 6.50% से घटाकर 6.25% किया गया था। इसके बाद, 9 अप्रैल को इसे और घटाकर 6.00% कर दिया गया था।
5 साल के बाद फरवरी 2025 में हुई थी रेपो रेट में कटौती
गौर करने वाली बात यह है कि फरवरी 2025 में लगभग पांच वर्षों के लंबे अंतराल के बाद पहली बार रेपो रेट में कटौती की गई थी। इससे पहले आखिरी बार मई 2020 में आरबीआई ने रेपो रेट घटाया था। उस समय, कोविड-19 महामारी के दौरान आर्थिक गतिविधियों को गति देने के लिए रेपो रेट में 0.40 फीसदी (40 बेसिस पॉइंट्स) की कमी की गई थी। इसके बाद जून 2023 में रेपो रेट बढ़ाकर 6.5 प्रतिशत कर दिया गया था। जून 2023 के बाद, फरवरी 2025 में ही पहली बार रेपो रेट में कोई बदलाव किया गया।
जानें आम लोगों को क्या होगा फायदा
आरबीआई के इस निर्णय से देश के करोड़ों आम नागरिकों को बड़ी राहत मिलेगी। रेपो रेट में कटौती के चलते अब होम लोन, कार लोन और पर्सनल लोन जैसी सुविधाएं पहले की तुलना में कम ब्याज दर पर उपलब्ध होंगी। इससे लोन की किस्त यानी ईएमआई कम हो जाएगी, जिससे लोगों की मासिक बचत बढ़ेगी। इसके जरिए वे अपनी अन्य आवश्यकताओं को पूरा कर सकेंगे या अन्य चीजों पर अधिक खर्च कर पाएंगे। गौरतलब है कि जब मांग और उपभोग बढ़ते हैं, तो इससे देश की अर्थव्यवस्था को मजबूती मिलती है।