वांडूर समुद्र तट को फिर से खोलने की मांग: अंडमान के सांसद बिष्णु पद रे ने प्रशासन से की तुरंत कार्रवाई की अपील

वांडूर समुद्र तट को फिर से खोलने की मांग: अंडमान के सांसद बिष्णु पद रे ने प्रशासन से की तुरंत कार्रवाई की अपील
Published on

सन्मार्ग संवाददाता

श्री विजयपुरम : अंडमान एवं निकोबार द्वीप समूह के सांसद बिष्णु पद रे ने वांडूर समुद्र तट को तत्काल प्रभाव से पुनः खोलने की जोरदार मांग की है। यह समुद्र तट पिछले आठ वर्षों से बंद पड़ा है, जिससे न केवल पर्यटन प्रभावित हुआ है बल्कि स्थानीय युवाओं की आजीविका भी पूरी तरह ठप हो गई है। मुख्य सचिव, अंडमान एवं निकोबार प्रशासन और केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह को लिखे पत्र में सांसद ने कहा कि वांडूर समुद्र तट, जो द्वीप का एक प्रमुख पर्यटन स्थल रहा है, वर्ष 2017 में मगरमच्छ हमले की एक घटना के बाद से बंद है। प्रशासन ने उस समय इसे अस्थायी बंद बताया था और सुरक्षा उपायों की बात कही थी, लेकिन आठ साल बाद भी कोई ठोस कार्रवाई नहीं की गई। सांसद रे ने पत्र में यह भी उल्लेख किया कि वन विभाग और पर्यटन विभाग द्वारा अब तक न तो कोई स्थायी सुरक्षा व्यवस्था की गई है और न ही इस मुद्दे का कोई वैकल्पिक समाधान निकाला गया है। इससे विशेष रूप से फेरारगंज तहसील के वांडूर ग्राम पंचायत क्षेत्र के निवासियों को आर्थिक तंगी का सामना करना पड़ रहा है, जहां की अधिकांश जनसंख्या पर्यटन और मत्स्य पालन पर निर्भर है। उन्होंने यह भी कहा कि 2020 में स्वराज द्वीप पर हुई ऐसी ही एक घटना के बाद संबंधित विभागों ने तुरंत कार्रवाई करते हुए समुद्र तट को आवश्यक सुरक्षा उपायों के साथ फिर से खोल दिया था। लेकिन वांडूर के मामले में पंचायत प्रतिनिधियों, प्रधान और बेरोजगार युवाओं द्वारा कई बार मांग करने के बावजूद कोई गंभीर प्रयास नहीं किया गया। सांसद बिष्णु पद रे ने इस संदर्भ में प्रशासन से मांग की है कि वांडूर समुद्र तट की स्थिति की पुनः समीक्षा की जाए और स्थानीय जनप्रतिनिधियों, वन विभाग तथा पर्यटन विभाग से चर्चा कर समाधान निकाला जाए। मगरमच्छ निगरानी, समुद्र में सुरक्षा जाल, प्रशिक्षित लाइफगार्ड, जन-जागरूकता संकेतक और आपातकालीन प्रतिक्रिया प्रणाली जैसे समग्र सुरक्षा उपाय तुरंत लागू किए जाएं। साथ ही, समुद्र तट को नियंत्रित पर्यटन एवं तैराकी गतिविधियों के लिए शीघ्र खोला जाए। सांसद ने कहा कि वांडूर समुद्र तट को खोलना केवल पर्यटन का मुद्दा नहीं, बल्कि सैकड़ों परिवारों के आर्थिक अस्तित्व से जुड़ा विषय है, जो प्रशासनिक लापरवाही के चलते कर्ज और बेरोजगारी की मार झेल रहे हैं।

संबंधित समाचार

No stories found.

कोलकाता सिटी

No stories found.

खेल

No stories found.
logo
Sanmarg Hindi daily
sanmarg.in