रामबन त्रासदी : जोखिम उठाकर स्वयंसेवकों ने शुरू किया बचाव अभियान

रामबन त्रासदी : जोखिम उठाकर स्वयंसेवकों ने शुरू किया बचाव अभियान

अब तक 3 लोगों की मौत की खबर आई सामने
Published on

जम्मू (जे के ब्यूरो) : जम्मू-कश्मीर में रामबन जिले के कई गांवों में रविवार तड़के आई अचानक बाढ़ और भूस्खलन के पीड़ितों की मदद करने के लिए सबसे पहले ग्रामीण स्वयंसेवकों ने मोर्चा संभाला और राहत कार्यों में जुट गये।

इस प्राकृतिक आपदा में दो नाबालिग भाइयों और एक बुजुर्ग व्यक्ति की मौत हो गयी। इस आपदा में पंथियाल के निकट दर्जनों मकान और जम्मू-श्रीनगर राष्ट्रीय राजमार्ग का एक हिस्सा क्षतिग्रस्त हो गया, वहीं, कई गांवों का जिला मुख्यालय से संपर्क पूरी तरह कट गया, जिससे राहत और बचाव कार्यों में मुश्किलें आईं।

उपायुक्त बसीर-उल-हक चौधरी ने प्रभावित क्षेत्रों में जारी अभियान पर बारीकी से नजर बनाए रखी। प्रभावित क्षेत्रों में सोमवार को शैक्षणिक संस्थान बंद रहेंगे। सेरी बागना गांव निवासी मोहम्मद हाफिज ने बताया , ‘मैंने अपनी जिदंगी में ऐसा मौसम कभी नहीं देखा। तड़के करीब साढ़े चार बजे बादल फटने की तेज आवाज से मेरी नींद खुली और कुछ ही देर में मदद के लिए चीख-पुकार मच गयी।’ सेरी बागना गांव में अचानक आई बाढ़ में तीन लोगों की मौत हो गयी।मृतकों की पहचान अकीब अहमद (12), उसके भाई मोहम्मद साकिब (10) और उनके पड़ोसी मुनिराम (65) के रूप में की गयी है। हाफिज ने बताया, ‘अचानक आई बाढ़ से घर का एक हिस्सा ढह गया। हम दोनों भाइयों को मलबे से बाहर निकालने में सफल तो हुए, लेकिन तब तक उनकी मौत हो चुकी थी।’ उन्होंने कहा कि भारी बारिश और खतरे के माहौल के बावजूद स्वयंसेवकों ने डर को नजरंदाज कर लगातार बचाव कार्य जारी रखा।

logo
Sanmarg Hindi daily
sanmarg.in