नयी दिल्ली : भारतीय नौसेना फ्रांस के राफेल लड़ाकू विमानों से अपने पुराने मिग-29 विमानों को बदलने की तैयारी में है। दोनों देशों ने भारतीय नौसेना के लिए 26 राफेल लड़ाकू विमानों की खरीद को अंतिम रूप दे दिया है। इस सौदे की आधिकारिक घोषणा अप्रैल 2025 में होने की उम्मीद है जब फ्रांस के रक्षामंत्री भारत आयेंगे। इस पूरे सौदे की कीमत लगभग 7.6 अरब डॉलर होगी।
नौसेना को मिलेंगे ‘संशोधित’ राफेल
मीडिया रिपोर्ट के अनुसार नये राफेल-एम विमान पुराने मिग-29के और मिग-29केयूबी विमानों की जगह लेंगे। ये पुराने विमान अभी भारतीय नौसेना के 300 स्क्वाड्रन (आईएनएएस 300) ‘वॉइट टाइगर्स’ और 303 स्क्वाड्रन (आईएनएएस 303) ‘ब्लैक पैंथर्स’ में इस्तेमाल हो रहे हैं। नये राफेल जेट विमानवाही पोतों ‘आईएनएएस विक्रांत’ और ‘आईएनएएस विक्रमादित्य’ से उड़ान भरेंगे। ये विशाल पोत समुद्र में तैरते हुए हवाईअड्डे की तरह होते हैं।
खरीदे जाने वाले इन 26 विमानों में से 22 राफेल-एम विमान
फ्रांस से खरीदे जाने वाले इन 26 राफेल विमानों में से 22 राफेल-एम विमान होंगे। ये खासतौर पर विमानवाही पोतों से उड़ान भरने के लिए डिजाइन किये गये हैं। बाकी के चार विमान राफेल-बी ट्रेनर विमान होंगे। ये दो सीट वाले विमान होते हैं, जिनका इस्तेमाल पायलटों को प्रशिक्षण देने के लिए किया जाता है। ट्रेनर विमान विमानवाही पोत से नहीं उड़ सकते। इन नये विमानों की डिलीवरी 2029 में शुरू हो जायेगी।
भारत में फैक्टरी लगायेगी दसॉ एविएशन
रिपोर्ट के अनुसार राफेल विमान बनाने वाली कंपनी दसॉ एविएशन भारत में अपनी एक असेंबली लाइन लगाने पर भी विचार कर रही है यानी कुछ राफेल विमान भारत में ही बनाये जायेंगे। ऐसा इसलिए किया जा रहा है क्योंकि भारत सहित कई देशों से राफेल विमानों के बहुत सारे ऑर्डर मिले हैं। भारत की ‘मेक इन इंडिया’ नीति के तहत खरीदे जाने वाले 60 फीसदी हथियार भारत में ही बनने चाहिए।
हर महीने तीन विमान बनाती है दसॉ एविएशन
भारत के इस नये ऑर्डर को मिलाकर दसॉ एविएशन के पास कुल 256 राफेल विमान बनाने के ऑर्डर हैं। इनमें से 190 विमान दूसरे देशों के लिए और 56 विमान फ्रांसीसी वायुसेना के लिए हैं। दसॉ एविएशन अभी हर महीने तीन विमान बनाती है। इस हिसाब से सभी ऑर्डर पूरे करने में लगभग 7 साल लग जायेंगे। फरवरी में फ्रांस के रक्षामंत्री ने 20 से 30 और राफेल विमान खरीदने की योजना की घोषणा की थी। इससे साफ है कि राफेल विमानों की मांग दुनिया भर में बढ़ रही है।
जुलाई 2023 में ही बना ली थी 26 और राफेल खरीदने की योजना
भारत ने जुलाई 2023 में ही 26 और राफेल विमान खरीदने की योजना बना ली थी। उस समय रक्षा मंत्रालय ने नौसेना के लिए 26 राफेल और तीन स्कॉर्पीन क्लास पनडुब्बियों की खरीद को मंजूरी दे दी थी। भारत ने 2016 में वायुसेना के लिए 36 राफेल विमानों का ऑर्डर दिया था। इनमें से आखिरी दो विमान दिसंबर 2022 में भारत पहुंचे थे। इन 36 विमानों में भारत की खास जरूरतों के हिसाब से 13 बदलाव किये गये थे। इनमें एक इजरायली हेलमेट-माउंटेड डिस्प्ले सिस्टम, मीटिऑर गाइडेड मिसाइल समेत कई तरह की मिसाइलें, 10 घंटे का डेटा स्टोर करने वाले फ्लाइट डेटा रिकॉर्डर, इन्फ्रारेड टारगेट ट्रैकिंग सिस्टम, बेहतर रडार, ऊंचाई वाले एअरफील्ड से उड़ान भरने के लिए कोल्ड वेदर इंजन स्टार्टर और भी बहुत कुछ शामिल है।