ऑपरेशन ब्लूस्टार को लेकर कट्टरपंथी संगठनों ने खालिस्तान समर्थक नारे लगाए

पढ़ें क्या है पूरा मामला
ऑपरेशन ब्लूस्टार को लेकर कट्टरपंथी संगठनों ने खालिस्तान समर्थक नारे लगाए
Published on

अमृतसर : ‘ऑपरेशन ब्लूस्टार’ की 41वीं बरसी पर शुक्रवार को स्वर्ण मंदिर परिसर स्थित अकाल तख्त पर कट्टरपंथी सिख संगठनों के समर्थकों और कार्यकर्ताओं ने खालिस्तान समर्थक नारे लगाए। इस दौरान स्वर्ण मंदिर और शहर में शांतिपूर्ण बंद का माहौल रहा। दल खालसा के कार्यकर्ता अपने हाथों में उग्रवादी नेता जरनैल सिंह भिंडरावाले के चित्र वाले पोस्टर और खालिस्तानी झंडे लिए हुए नजर आए। अकाल तख्त के निकट स्वर्ण मंदिर का पूरा परिसर खालिस्तानी समर्थक नारों से गूंज उठा। दल खालसा, पूर्व सांसद सिमरनजीत सिंह मान के नेतृत्व वाले शिरोमणि अकाली दल (अमृतसर) और उनके सहयोगी एवं पूर्व सांसद ध्यान सिंह मंड समेत कई संगठनों के कार्यकर्ताओं ने अकाल तख्त पर नारेबाजी की।

दल खालसा ने ‘ऑपरेशन ब्लूस्टार’ के खिलाफ शुक्रवार को अमृतसर बंद का आह्वान भी किया है। ऑपरेशन ब्लूस्टार 1984 में स्वर्ण मंदिर परिसर से उग्रवादियों को बाहर निकालने के लिए चलाया गया सैन्य अभियान था। अकाल तख्त के कार्यवाहक जत्थेदार ज्ञानी कुलदीप सिंह गर्गज ने ‘अरदास’ (सिख रीति अनुसार प्रार्थना) के दौरान कहा कि सभी सिख संगठनों को ‘बंदी सिंहों’ (सिख कैदी) की रिहाई के लिए एकजुट होकर लगातार प्रयास करने चाहिए। ‘बंदी सिंह’ उन सिख कैदियों को कहा जाता है, जो शिरोमणि अकाली दल और अन्य सिख संगठनों के अनुसार, अपनी सजा पूरी होने के बावजूद अब तक जेल में हैं।

सिखों की सर्वोच्च धार्मिक संस्था शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक समिति (एलजीपीसी) के अध्यक्ष हरजिंदर सिंह धामी ने उन सिख नेताओं के परिवारों को सम्मानित किया, जो जून 1984 में सेना की कार्रवाई के दौरान भिंडरावाले के साथ मारे गए थे। परंपरा के अनुसार, हर वर्ष यह सम्मान अकाल तख्त के जत्थेदार द्वारा दिया जाता है, लेकिन इस वर्ष यह कार्य एसजीपीसी अध्यक्ष द्वारा किया गया। दमदमी टकसाल प्रमुख हरनाम सिंह धूम्मा ने हाल ही में गर्गज को अकाल तख्त का कार्यवाहक जत्थेदार नियुक्त किए जाने का विरोध किया था। धूम्मा ने इसे ‘मर्यादा’ और ‘परंपराओं’ के विरुद्ध बताया था।

संबंधित समाचार

No stories found.

कोलकाता सिटी

No stories found.

खेल

No stories found.
logo
Sanmarg Hindi daily
sanmarg.in