जगन्नाथ मंदिर : रत्नभंडार के मूल्यवान वस्तुओं को सूचीबद्ध करने की तैयारी कब से?

27 दिसंबर को होने वाली बैठक में रत्न भंडार के आभूषणों और कीमती सामानों की सूची तैयार करने के लिए मानक संचालन प्रक्रिया (एसओपी) के मसौदे पर विचार-विमर्श किया जाएगा।
पुरी स्थित विश्वप्रसिद्ध श्री जगन्नाथ मंदिर
पुरी स्थित विश्वप्रसिद्ध श्री जगन्नाथ मंदिर
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भुवनेश्वरः न्यायमूर्ति विश्वनाथ रथ ने बुधवार को कहा कि पुरी जगन्नाथ मंदिर के रत्नभंडार में रखे गए बहुमूल्य सामानों की सूची तैयार करने का काम अगले साल की शुरुआत में शुरू होने की संभावना है। इस उद्देश्य के लिए गठित उच्च स्तरीय समिति के अध्यक्ष रथ ने कहा कि सटीक तिथियां अभी तय नहीं की गई हैं।

उन्होंने कटक में पत्रकारों से कहा, ‘‘हमारा लक्ष्य जनवरी तक रत्न भंडार में मौजूद कीमती सामानों की सूची तैयार करना शुरू करना है। हालांकि, तारीखें अभी तय नहीं हुई हैं। समिति 27 दिसंबर को इस मामले पर चर्चा करेगी।’’

1978 की सूची से मिलान होगा

श्री जगन्नाथ मंदिर प्रशासन (एसजेटीए) के प्रमुख अरबिंद पाधी ने कहा कि 27 दिसंबर को होने वाली बैठक में रत्न भंडार के आभूषणों और कीमती सामानों की सूची तैयार करने के लिए मानक संचालन प्रक्रिया (एसओपी) के मसौदे पर विचार-विमर्श किया जाएगा। कीमती सामानों की पिछली सूची 1978 में तैयार की गई थी। इस प्रक्रिया को पूरा करने में 72 दिन लगे थे। न्यायमूर्ति रथ ने कहा कि आगामी सूची में समिति रत्न भंडार में रखी सभी वस्तुओं की गिनती करेगी। उन्होंने कहा, ‘‘सुरक्षा कारणों से, गिनती कोषागार के भीतरी कक्ष में की जायेगी। इस सूची का मिलान 1978 की सूची से किया जाएगा।’’

पुरी स्थित विश्वप्रसिद्ध श्री जगन्नाथ मंदिर
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आभूषणों का डिजिटलीकरण होगा

रत्न भंडार को मरम्मत कार्यों के लिए चार दशकों के बाद 2024 में फिर से खोला गया था। मरम्मत कार्य इस वर्ष जुलाई में पूर्ण हुए थे। काम पूरा होने के बाद बहुमूल्य वस्तुएं रत्नभंडार में वापस ले जाई गईं। न्यायमूर्ति रथ ने कहा कि रत्नभंडार में रखे आभूषणों और अन्य मूल्यवान वस्तुओं का डिजिटलीकरण किया जायेगा। एसजेटीए के एक अन्य अधिकारी ने बताया कि 27 दिसंबर की बैठक में इस बात की रूपरेखा तैयार की जाएगी कि इन बहुमूल्य वस्तुओं को कैसे संभाला जाए, उनका वजन कैसे किया जाए और उनका दस्तावेजीकरण कैसे किया जाए, ताकि भगवान जगन्नाथ, भगवान बलभद्र और देवी सुभद्रा की दैनिक ‘नीति-कांति’ या अनुष्ठानों में कोई बाधा न आए।

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