

सन्मार्ग संवाददाता
श्री विजयपुरम : अंडमान और निकोबार द्वीप समूह के उपराज्यपाल और द्वीप विकास एजेंसी के उपाध्यक्ष एडमिरल डी के जोशी ने संपत्ति पंजीकृत करते समय 'नो ड्यूज सर्टिफिकेट' और 'नॉन-एन्कम्ब्रेंस सर्टिफिकेट' को बंद करके राजस्व विभाग में बड़े सुधारों को मंजूरी दी है। लेफ्टिनेंट गवर्नर के कार्यालय द्वारा जारी एक बयान में दावा किया गया कि यह निर्णय व्यापार करने में आसानी को बढ़ावा देने के लिए लिया गया था। उन्होंने कहा कि 'नो ड्यूज सर्टिफिकेट' और 'नॉन-एन्कम्ब्रेंस सर्टिफिकेट' को बंद करना 9 जून से प्रभावी होगा। राज निवास के एक वरिष्ठ अधिकारी ने इस बारे में विस्तार से बताते हुए कहा कि पहले, किसी भी संपत्ति के पंजीकरण के दौरान किसी भी बकाया राजस्व का पता लगाने के लिए ये प्रमाण पत्र अनिवार्य थे। उपराज्यपाल के मार्गदर्शन में प्रशासन ने महसूस किया कि चूंकि उप-पंजीयक संपत्ति पंजीकरण के दौरान राजस्व प्राप्तियों का सत्यापन करता है, इसलिए अलग-अलग 'अदेयता प्रमाण पत्र' और 'अदेयता प्रमाण पत्र' प्राप्त करने की कोई आवश्यकता नहीं है। इससे द्वीपवासियों को बड़ी राहत मिलेगी। उपराज्यपाल ने एक और बड़ा फैसला 'मूल्यांकन प्रमाण पत्र' को समाप्त करने का लिया है। आधिकारिक बयान में कहा गया है कि सभी संबंधित अधिकारियों को 'मूल्यांकन प्रमाण पत्र' बंद करने के लिए कहा गया था, जो वे संपत्ति से संबंधित मामलों के दौरान मांगते थे। कोई अन्य राज्य और केंद्र शासित प्रदेश इस प्रथा का पालन नहीं करता है और इसलिए इसे भी बंद कर दिया जाएगा। संपत्ति का मूल्यांकन अब विभिन्न निर्धारण कारकों को ध्यान में रखते हुए अधिसूचित सर्किल दरों पर आधारित होगा। द्वीपों में ईंधन की उपलब्धता में सुधार के प्रयास में अंडमान और निकोबार द्वीप एकीकृत विकास निगम लिमिटेड को जहां भी मांग है, वहां नए पेट्रोल पंप खोलने के लिए अधिकृत किया गया है। ईंधन वितरण के लिए अधिक मांग-संचालित दृष्टिकोण को सक्षम करने के लिए आवश्यकतानुसार आवश्यक अनुमोदन लिए जाएंगे। लेफ्टिनेंट गवर्नर ने नाव लाइसेंस नवीनीकरण के लिए राजस्व विभाग की अनिवार्य वार्षिक सर्वेक्षण आवश्यकता को भी तत्काल प्रभाव से समाप्त कर दिया है।