

नई दिल्लीः कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाद्रा ने सोमवार को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी पर निशाना साधते हुए कहा कि संसद में लोक महत्व के मुद्दों को उठाना ‘नाटक’ नहीं है, बल्कि इन पर चर्चा की अनुमति नहीं दिया जाना ‘नाटक’ है।
उन्होंने कहा कि मतदाता सूचियों के विशेष गहन पुनरीक्षण (एसआईआर) और वायु प्रदूषण जैसे महत्वपूर्ण मुद्दों पर सदन में चर्चा होनी चाहिए।प्र
संसद में महत्वपूर्ण मुद्दों पर चर्चा जरूरी
प्रधानमंत्री मोदी ने सोमवार को विपक्ष पर निशाना साधते हुए आरोप लगाया कि वह संसद को चुनावी हार के बाद “हताशा निकालने का मंच” बना रहा है। संसद के शीतकालीन सत्र की शुरुआत से पहले संसद परिसर में संवाददाताओं को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि यह सत्र राजनीतिक रंगमंच न बने, बल्कि रचनात्मक और परिणामोन्मुखी बहस का माध्यम बने।
केरल के वायनाड से लोकसभा सदस्य प्रियंका गांधी ने संसद परिसर में संवाददाताओं से कहा, ‘‘संसद में आवश्यक लोक महत्व के मुद्दों के बारे में बोलना और उन्हें उठाना नाटक नहीं है। नाटक यह है कि उन मुद्दों पर लोकतांत्रिक चर्चा की अनुमति नहीं दी जाती, जो जनता के लिए मायने रखते हैं।’’उन्होंने सवाल किया, ‘‘संसद किस लिए है? हम महत्वपूर्ण मुद्दों पर चर्चा क्यों नहीं कर रहे हैं?’’
प्रधानमंत्री ने फिर से ‘ड्रामेबाजी’ की है: खड़गे
इधर कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने सोमवार को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी पर पलटवार करते हुए कहा कि शीतकालीन सत्र के पहले दिन प्रधानमंत्री ने संसद के समक्ष मुख्य मुद्दों की बात करने के बजाय फ़िर से ‘ड्रामेबाजी’ की है। उन्होंने यह भी कहा कि भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) को अब ध्यान भटकाने का नाटक खत्म कर जनता के असली मुद्दों पर संसद में चर्चा करनी चाहिए। प्रधानमंत्री मोदी ने सोमवार को विपक्ष पर निशाना साधते हुए आरोप लगाया कि वह संसद को चुनावी हार के बाद “हताशा निकालने का मंच” बना रहा है।
उन्होंने कहा, ‘‘पिछले मानसून सत्र में ही कम से कम 12 विधेयक जल्दबाजी में पारित कर दिए गए, कुछ 15 मिनट से भी कम समय में और कुछ बिना किसी चर्चा के। पूरे देश ने पहले भी देखा है किस तरह किसान विरोधी काले क़ानून, जीएसटी, भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता जैसे विधेयक संसद में आनन-फानन में पारित कराए गए।’’ उनका कहना था कि इसी संसद में जब मणिपुर का मुद्दा उठा, तो प्रधानमंत्री तब तक चुप रहे, जब तक विपक्ष अविश्वास प्रस्ताव नहीं लाया।