

कोलकाता: बैशाख के पहले दिन यानी मंगलवार 15 अप्रैल को तृणमूल कांग्रेस में बड़े फेरबदल के संकेत मिल रहे हैं। पार्टी सूत्रों के अनुसार बंगाली नववर्ष के पहले दिन तृणमूल संगठनात्मक स्तर पर विशेषकर जिला अध्यक्ष पद पर फेरबदल लगभग तय है। इस बात की प्रबल संभावना है कि उस दिन एक विस्तृत सूची जारी की जा सकती है। सूत्रों के अनुसार ब्लॉक अध्यक्ष पद स्तर पर भी फेरबदल होने की संभावना है। यह कल्पना करना आसान है कि आगामी विधान सभा चुनावों से पहले यह फेरबदल कितना महत्वपूर्ण है। पार्टी के अंदरूनी हलकों में इस फेरबदल को लेकर अटकलें तेज हैं। उल्लेखनीय है कि मंगलवार 15 अप्रैल को बंगाली नववर्ष है जो बंगाली संस्कृति और परम्परा का एक अभिन्न अंग है। हालांकि इस बार बंगाली नववर्ष पर टीएमसी खेमे में अलग तस्वीर दिखाई दे रही है। पार्टी के अंदर एक बड़ा समूह इस संभावित बदलाव को लेकर चिंतित है।
अभिषेक ने की थी संगठनात्मक ढांचे में बदलाव की बात
गौरतलब है कि टीएमसी सुप्रीमो ममता बनर्जी ने बंगाली नववर्ष पर पार्टी को जिले से लेकर ब्लॉक स्तर तक पर नया स्वरूप देने की तैयारी लगभग पूरी कर ली है। इस बार उनसे न केवल पार्टी में बल्कि आवश्यकतानुसार पार्टी के शाखा संगठनों में भी पदाधिकारियों को बदलने की प्रक्रिया को हरी झंडी मिलने की उम्मीद है। यह प्रक्रिया बंगाली नववर्ष की शुरुआत में जिला समिति के साथ शुरू होने वाली है। इसके साथ ही पार्टी नेतृत्व ने प्रारंभिक तौर पर विधानसभा की स्थिति का विश्लेषण करने की योजना पर भी विचार किया है। दिसंबर 2025 तक तृणमूल मतदाता सूचियों के सत्यापन के लिए लगातार कार्यक्रम की योजना बना रही है। पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव अभिषेक बनर्जी ने सभी स्तर के नेताओं के साथ पिछले महीने जो संगठनात्मक ढांचा बनाने की बात कही थी, उसके बैशाख के पहले दिन ही पूरा होने की उम्मीद है।
मतदाता सूचियों के सत्यापन के लिए समितियों का गठन
दरअसल, विधानसभा चुनाव से पहले मतदान और पार्टी कार्य की गति को बनाए रखने के लिए तृणमूल लगभग समानांतर व्यवस्था कर रही है। मतदाता सूचियों के सत्यापन के लिए जिला, ब्लॉक और क्षेत्रीय स्तर पर जिम्मेदारी बांटने के लिए समितियों के गठन की प्रक्रिया चल रही है। पार्टी नेतृत्व की योजना अप्रैल के दूसरे सप्ताह में इसे पूरा करने और मुख्य कार्य शुरू करने की है। इसके साथ ही नियमित राजनीतिक कार्य संचालन के लिए पार्टी की मुख्य समितियों के गठन का काम शुरू हो जाएगा। मतदाता सूची से संबंधित कार्य के प्रभारी केवल यही कार्य करेंगे। जिला और राज्य स्तर पर संबंधित नेता इस संबंध में चुनाव आयोग के संपर्क में रहेंगे। यही कारण है कि इस समय हर किसी की नजर बंगाली नववर्ष के पहले दिन पर है।