सन्मार्ग संवाददाता
कोलकाता : उच्च माध्यमिक शिक्षा में सेमेस्टर प्रणाली पहले ही लागू की जा चुकी है। जहां परीक्षा लेने के तरीके से लेकर पाठ्यक्रम तक में परिवर्तन किया गया है। कुछ महीने पहले शिक्षा संसद ने एक अधिसूचना जारी कर बताया था, कि सेमेस्टर प्रणाली में कैलकुलेटर का उपयोग नहीं किया जा सकता। हालांकि इस बार शिक्षा संसद ने दिशानिर्देश बदल दिये हैं। नये नियमों के अनुसार, शिक्षा संसद ने पहले घोषणा की थी कि 11वीं और 12वीं कक्षा में कुल चार सेमेस्टर में परीक्षाएं आयोजित की जाएंगी। जटिल गणनाओं को शीघ्रता से हल करने के लिए छात्रों द्वारा चुने गए प्रायोगिक विषयों में कैलकुलेटर के प्रयोग पर प्रतिबंध लगा दिया गया था। हालांकि इस बार उच्च माध्यमिक शिक्षा संसद ने छात्रों को ध्यान में रखते हुए नियमों में बदलाव किया है। 2025-26 शैक्षणिक वर्ष से कैलकुलेटर के इस्तेमाल की अनुमति दे दी गई है। हालांकि परीक्षा में छात्र केवल नियमित कैलकुलेटर का उपयोग कर सकेंगे, वैज्ञानिक कैलकुलेटर का नहीं/ हालांकि, शिक्षण समुदाय का एक वर्ग यह दावा करता है कि केवल प्रायोगिक परीक्षाएं ही क्यों, जब सैद्धांतिक परीक्षा में भी कई जटिल गणनाएं होती हैं, तो छात्रों को विभिन्न कठिनाइयों का सामना करना पड़ेगा। शिक्षा संसद को इस मुद्दे पर भी ध्यान देना चाहिए। बंगाली शिक्षक एवं शिक्षाकर्मी संघ के महासचिव स्वपन मंडल ने कहा कि परिषद ने आंशिक रूप से अपना निर्णय वापस ले लिया है। हमारा मानना है कि कैलकुलेटर की आवश्यकता न केवल प्रायोगिक परीक्षाओं के लिए है, बल्कि कई विषयों की सैद्धांतिक परीक्षाओं के लिए भी है। हालांकि शुरू में इसे पूरी तरह से समाप्त कर दिया गया था, लेकिन छात्रों के लाभ के लिए अब प्रैक्टिकल में कैलकुलेटर का उपयोग किया जा सकेगा।