नई दिल्ली: दिल्ली के जल मंत्री परवेश वर्मा ने गुरुवार को वजीराबाद जल उपचार संयंत्र का निरीक्षण किया और अधिकारियों को भंडारण क्षमता बढ़ाने के लिए गाद निकालने का काम करने का निर्देश दिया। उन्होंने कहा कि यह प्रक्रिया डेढ़ महीने के भीतर पूरी हो जाएगी, जिसके बाद संयंत्र अपनी मौजूदा क्षमता से दोगुना पानी संग्रहीत करने में सक्षम हो जाएगा।
उन्होंने कहा कि वजीराबाद जल उपचार संयंत्र की भंडारण क्षमता 220 एमजीडी है, लेकिन एक किलोमीटर के हिस्से में गाद जमा होने के कारण, वर्तमान में इसमें केवल 100 एमजीडी ही पानी है। दिल्ली को पड़ोसी राज्यों से पर्याप्त मात्रा में पानी मिलता है, लेकिन भंडारण के बुनियादी ढांचे और रिसाव की रोकथाम में सुधार की आवश्यकता है। इसके अलावा, उन्होंने कहा कि यमुना नदी में अमोनिया के स्तर को नियंत्रित करने के प्रयास किए जा रहे हैं।
उन्होंने आगे कहा कि दिल्ली जल बोर्ड के तहत आने वाले 30 सीवेज उपचार संयंत्रों की निगरानी के लिए आईटी डैशबोर्ड विकसित किया जा रहा है। इन संयंत्रों की नियमित निगरानी की आवश्यकता है। मंत्री ने कहा कि वे स्वयं शहर के सभी जल एवं सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट का एक-एक करके निरीक्षण करेंगे। इससे पहले दिन में मंत्री ने बताया कि दिल्ली सरकार पानी के बिल में अनियमितताओं की जांच कर रही है, जिसके कारण कई निवासियों को बहुत अधिक बिल चुकाना पड़ रहा है।
दिल्ली विधानसभा में मीडिया को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा, "मुझे नहीं पता कि पिछली सरकार ने ऐसा क्या किया, जिसके कारण 25-50 गज के घरों में भी लाखों रुपये के पानी के बिल भेजे गए। हम इसकी जांच करवा रहे हैं। सभी बढ़े हुए बिलों को सही किया जाएगा। अगर बिल पूरी तरह से गलत है, तो उसे माफ कर दिया जाएगा। हमने जुर्माने में राहत देने के लिए भी सीएम से बात की है और जल्द ही इसकी घोषणा करेंगे।"