संसद में लगातार चौथे दिन नहीं हो सका कामकाज
नयी दिल्ली : संसद के मानसून सत्र का चौथा दिन गुरुवार भी बिहार में मतदाता सूची का विशेष गहन पुनरीक्षण (एसआईआर) किये जाने के मुद्दे की भेंट चढ़ गया। इस मुद्दे पर विपक्ष के हंगामे के कारण लोकसभा में दो बार के स्थगन और राज्यसभा में एक बार के स्थगन के बाद कार्यवाही पूरे दिन के लिए स्थगित कर दी गयी।
आसन के निकट नारेबाजी, तख्तियां लहरायीं
लोकसभा में सदन की कार्यवाही शुरू होते ही विपक्षी दलों के सदस्य हंगामा करने लगे। विपक्षी सांसदों ने आसन के निकट पहुंचकर नारेबाजी की और तख्तियां लहरायीं, जिन पर एसआईआर विरोधी नारे लिखे हुए थे। उन्होंने बिहार में एसआईआर की कवायद पर तत्काल चर्चा की मांग करते हुए हंगामा किया हालांकि सदन में शोर-शराबे के बीच ही पेट्रोलियम मंत्री हरदीप पुरी ने प्रश्नकाल के दौरान कुछ पूरक प्रश्नों के उत्तर दिये। वहीं लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने आसन के समीप शोर-शराबा कर रहे विपक्षी सदस्यों से अपने स्थान पर जाने और सदन चलने देने की अपील की। बिरला ने कांग्रेस का नाम लिये बिना कहा कि इतने पुराने राजनीतिक दल के लोग जिस तरह का व्यवहार कर रहे हैं, इसे पूरा देश देख रहा है। हंगामा नहीं थमने पर उन्होंने पूर्वाह्न करीब 11 बजकर सात मिनट पर सदन की कार्यवाही अपराह्न दो बजे तक के लिए स्थगित कर दी।
नहीं थमा हंगामा
सदन की कार्यवाही अपराह्न दो बजे पुन: शुरू होने पर विधि और न्यायमंत्री अर्जुन राम मेघवाल ने विपक्षी सदस्यों से ‘गोवा राज्य विधानसभा के निर्वाचन क्षेत्रों में अनुसूचित जनजातियों के प्रतिनिधित्व का समायोजन विधेयक, 2024’ पर चर्चा में भाग लेने की अपील की। मेघवाल ने कहा कि यह अनुसूचित जनजाति (एसटी) के हितों से संबंधित विधेयक है लेकिन विपक्ष साथ नहीं दे रहा और वे शोरगुल कर रहे हैं। सदन में विपक्षी दलों के कुछ सदस्यों के तख्तियां लहराने को लेकर पीठासीन सभापति कृष्णा प्रसाद तेन्नेटी ने कहा कि कल (बुधवार को) भी गोवा के एसटी विधेयक को चर्चा के लिए सदन की कार्यसूची में लिया गया था लेकिन आपने इसे आगे नहीं बढ़ने दिया। हंगामा नहीं थमने पर उन्होंने कुछ मिनट बाद ही सदन की कार्यवाही शुक्रवार पूर्वाह्न 11 बजे तक के लिए स्थगित कर दी।
रास में चौथे दिन भी नहीं चला प्रश्नकाल
राज्यसभा में भी गुरुवार को एसआईआर के मुद्दे पर विपक्ष के हंगामे के कारण प्रश्नकाल नहीं चल पाया। शून्यकाल में छह सदस्यों को विदाई दी गयी जिनका कार्यकाल समाप्त होने जा रहा है। छह सदस्यों को विदाई देने के तुरंत बाद विपक्षी सदस्यों ने नियम 267 के तहत दी गयी अपनी 30 नोटिस उपसभापति हरिवंश द्वारा अस्वीकार किये जाने के विरोध में हंगामा शुरू कर दिया, जिसके चलते 12 बज कर तीस मिनट पर सदन की कार्यवाही अपराह्न दो बजे तक के लिए स्थगित कर दी गयी। सदन की बैठक शुरू होने पर उपसभापति हरिवंश ने आवश्यक दस्तावेज सदन के पटल पर रखवाये।
उपसभापति ने सभी नोटिस खारिज कीं
इसके बाद उपसभापति ने बताया कि सुखेंदु शेखर राय, ऋताव्रता बनर्जी, मौसम नूर, जे सी चंद्र शेखर, मोहम्मद नदीमुल हक, रंजीत रंजन, जे बी माथेर हीशम, नीरज डांगी, संजय सिंह, महुआ मांझी, सैयद नासिर हुसैन, तिरुचि शिवा, जॉन ब्रिटास, सुष्मिता देव, मनोज कुमार झा, डॉ डी शिवादासन ने एसआईआर के मुद्दे पर चर्चा के लिए नोटिस दी हैं। उपसभापति ने नियमों का हवाला देते हुए इन्हें अस्वीकार कर दिया गया। इस पर विपक्षी सदस्यों ने विरोध जताया। सदन में व्यवस्था बनते न देख उन्होंने 12.30 बजे बैठक को दोपहर दो बजे तक के लिए स्थगित कर दी। बैठक शुरू होने पर हंगामा जारी रहा तो उन्होंने दोपहर सवा दो बजे बैठक को पूरे दिन के लिए स्थगित कर दी। इससे पहले राज्यसभा के लिए मनोनीत सदस्य उज्ज्वल देवराव निकम ने शपथ ली।
सेवानिवृत्त हो रहे सदस्यों को दी गयी विदायी
राज्यसभा ने उन छह सदस्यों को विदाई दी जिनका कार्यकाल समाप्त हो रहा है जिनमें से एक उच्च सदन के लिए पहले ही पुनर्निर्वाचित हो चुके हैं। उपसभापति हरिवंश ने बताया कि द्रमुक के एम मोहम्मद अब्दुल्ला और एन षणमुगम, अन्नाद्रमुक के एम चंद्रशेखरन और पी विल्सन, पीएमके के डॉ अंबुमणि रामदॉस तथा एमडीएमके के एम वाइको का उच्च सदन में कार्यकाल समाप्त हो रहा है। उन्होंने बताया कि इनमें से विल्सन सदन के लिए पुनर्निर्वाचित हुए हैं।हरिवंश ने कहा कि सेवानिवृत्त हो रहे सदस्यों ने सदन में हुई बहसों, चर्चा तथा विभिन्न विमर्श में उल्लेखनीय योगदान दिया। उन्होंने सभी सदस्यों के बेहतर भविष्य और अच्छे स्वास्थ्य की कामना करते हुए उन्हें शुभकामनाएं दीं।
