लोकसभा में विपक्ष का हंगामा, स्थगन, बिरला ने कहा : सदन में राज्यों के एजेंडे लाना ठीक नहीं

राज्यसभा में उठे किये विमान में एक सीट डॉक्टर के लिए आरक्षित करने सहित विभिन्न मुद्दे
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नयी दिल्ली : लोकसभा में मंगलवार को द्रमुक, तृणमूल कांग्रेस सहित विभिन्न विपक्षी दलों के सदस्यों ने मनरेगा के मुद्दे को लेकर सरकार के जवाबों पर असंतोष जताते हुए शोर-शराबा किया जिस पर नाखुशी जताते हुए अध्यक्ष ओम बिरला ने कहा कि सदस्यों को राज्यों के एजेंडे सदन में नहीं लाने चाहिए। निचले सदन कांग्रेस ने सरकार पर वित्त विधेयक, 2025 में पेंशनभोगियों को प्रभावित करने वाले प्रावधान लाने का और राज्यों पर आर्थिक ‘ब्लैकमेल’ कर नियंत्रण के प्रयास का आरोप लगाया, वहीं भाजपा ने कहा कि सरकार ने संघीय ढांचे के तहत पिछले दस वर्ष में अवसंरचना पर पूंजी व्यय काफी बढ़ाया है।

कोचिंग सेंटरों के नाम पर ‘व्यापार’

राज्यसभा में विभिन्न राजनीतिक दलों के सदस्यों ने कोचिंग सेंटरों में शिक्षा के नाम पर हो रहे ‘व्यापार’, असम के दीमा हसाओ के उमरंगसो में हाल ही में हुई खदान दुर्घटना, बिहार के सीवान में एक बालिका आश्रय गृह से 13 लड़कियों के कथित तौर पर चले जाने तथा विमानों में एक सीट डॉक्टर के लिए आरक्षित किये जाने का मुद्दा उठाया तथा सरकार से इस ओर तत्काल ध्यान देने की मांग की।

चौहान के जवाबों से विपक्षी सदस्यों ने की नारेबाजी

लोकसभा में प्रश्नकाल में केरल, पश्चिम बंगाल और तमिलनाडु के सदस्यों ने मनरेगा के बकाया धन से संबंधित पूरक प्रश्न पूछे। ग्रामीण विकास मंत्री शिवराज सिंह चौहान तथा ग्रामीण विकास राज्यमंत्री चंद्रशेखर पेम्मासानी के जवाबों से असंतुष्ट विपक्षी सदस्यों ने आसन के पास आकर नारेबाजी शुरू कर दी। चौहान ने कहा कि तमिलनाडु की मनरेगा के तहत मजदूरी और सामग्री की 85 हजार करोड़ रुपये की राशि जारी की जा चुकी है और बाकी राशि भी जल्द जारी कर दी जायेगी। उन्होंने कहा कि पश्चिम बंगाल के लिए 54,515 करोड़ रुपये मनरेगा के तहत जारी किये किये थे और अनुपालन पूरा होने पर बकाया धन भी जारी कर दिया जायेगा।

मनरेगा के तहत 43 प्रतिशत तक वेतन वृद्धि हुई

इससे पहले ग्रामीण विकास राज्य मंत्री पेम्मासानी ने कहा कि पश्चिम बंगाल में मनरेगा के तहत धन के दुरुपयोग का पता चला था और अनियमितताएं समाप्त होने तक धन जारी नहीं किया जायेगा। उन्होंने कहा कि पिछले पांच साल में मनरेगा के तहत 43 प्रतिशत तक वेतन वृद्धि हुई है। आसन के समीप नारेबाजी कर रहे विपक्षी सदस्यों से नाखुशी जताते हुए बिरला ने कहा कि आप सवाल पूछ सकते हैं, मंत्री की जवाबदेही तय कर सकते हैं, लेकिन राजनीतिक एजेंडों को यहां लाना सदन की मर्यादाओं के अनुरूप नहीं है। हंगामा नहीं थमने पर उन्होंने करीब 15 मिनट के लिए कार्यवाही दोपहर 12 बजे तक स्थगित कर दी।

पेंशनभोगियों को प्रभावित करने का आरोप

कांग्रेस के केसी वेणुगोपाल ने निचले सदन में वित्त विधेयक, 2025 पर चर्चा में भाग लेते हुए सरकार पर वित्त विधेयक, 2025 में पेंशनभोगियों को प्रभावित करने वाले प्रावधान लाने का और राज्यों पर आर्थिक ‘ब्लैकमेल’ कर नियंत्रण के प्रयास का आरोप लगाया। वेणुगोपाल ने सरकार पर इस विधेयक में ‘गुप्त एजेंडा’ रखने और इसके रास्ते पेंशन कानून में संशोधन करके पेंशनभोगियों को प्रभावित करने का आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि मध्यम वर्ग के लिए बड़े कदम उठाने का दावा करने वाली सरकार पेंशनभोगियों पर हमला क्यों कर रही है। कांग्रेस सदस्य ने केरल, तमिलनाडु सहित देश के अनेक राज्यों में मनरेगा मजदूरों का बकाया वेतन देने के लिए केंद्र द्वारा राशि जारी नहीं किये जाने का आरोप लगाया।

रीजीजू के खिलाफ विशेषाधिकार हनन की नोटिस

कांग्रेस सांसद मणिकम टैगोर ने संसदीय कार्यमंत्री किरेन रीजीजू पर गलतबयानी और सदन को गुमराह करने का आरोप लगाते हुए उनके खिलाफ विशेषाधिकार हनन की नोटिस दी। टैगोर ने बिरला को दी नोटिस में आरोप लगाया कि रीजीजू ने सोमवार को निचले सदन में कर्नाटक के उपमुख्यमंत्री डीके शिवकुमार के ‘बयान’ को लेकर सदन को गुमराह किया। उनका कहना था कि खुद शिवकुमार ने मंत्री के बयान को ‘गलत और अपमानजनक’ कहकर खारिज कर दिया है। राज्यसभा में कांग्रेस के मुख्य सचेतक जयराम रमेश ने भी सोमवार को उच्च सदन के नेता जेपी नड्डा एवं संसदीय कार्यमंत्री रीजीजू के खिलाफ विशेषाधिकार हनन की नोटिस दी थी।

कोचिंग सेंटरों में शिक्षा के नाम पर कारोबार

राज्यसभा में भाजपा के संजय सेठ ने शून्यकाल के दौरान कोचिंग सेंटरों का मुद्दा उठाते हुए कहा कि इन सेंटरों में शिक्षा के नाम पर कारोबार हो रहा है और विद्यार्थियों से उनके सपने सच करने का वादा कर मनमाना पैसा लिया जा रहा है। उन्होंने कहा कि ज्यादातर कोचिंग केंद्र वे लोग चला रहे हैं जिनके अपने सपने पूरे नहीं हो पाये। उन्होंने कहा कि कोचिंग केंद्र समुचित नियमन के अभाव में अपनी नियमावली स्वयं तैयार करते हैं और प्रतिस्पर्धा के इस दौर में विद्यार्थी उनके शिकंजे में फंस जाते हैं।

विमान में एक सीट चिकित्सक के लिए रखने की मांग

भाजपा की डॉ कल्पना सैनी ने मांग की कि हर विमान में एक सीट चिकित्सक के लिए आरक्षित की जानी चाहिए जो आपात स्थिति में सेवा देने के लिए तैयार हो। उन्होंने कहा कि रक्तचाप, हृदयाघात जैसी स्वास्थ्य संबंधी गंभीर जटिलताएं तथा आपात स्थिति होने पर चिकित्सक की जरूरत होती हे। उन्होंने कहा कि अगर उड़ान के ठीक पहले तक यह सीट न बुक हो तो फिर यह यात्री को दी जा सकती है ताकि एअरलाइन को आर्थिक नुकसान न हो। इसके साथ ही चिकित्सा किट की व्यवस्था भी जरूरी है। एजेंसियां

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