संसद की कार्यवाही अनिश्चितकाल के लिए स्थगित

दोनों सदनों में कुल 16 विधेयक पारित किये गये, लोकसभा में 118% और राज्यसभा 119% कामकाज हुआ
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नयी दिल्ली : वक्फ संशोधन विधेयक 2024 के पारित होने के साथ ही 31 जनवरी को शुरू हुआ संसद का बजट सत्र शुक्रवार को संपन्न हो गया और दोनों सदन अनिश्चितकाल के लिए स्थगित कर दिये गये। लोकसभा अध्यक्ष ओम बिड़ला और राज्यसभा के सभापति जगदीप धनखड़ ने बजट सत्र की उत्पादकता, सदन में विभिन्न विधेयकों और राष्ट्रपति के अभिभाषण पर धन्यवाद प्रस्ताव के दौरान हुई चर्चाओं को सार्थक बताते हुए कहा कि दोनों सदनों में कुल 16 विधेयक पारित किये गये।

लोकसभा में 26 बैठकें हुईं

लोकसभा में इस सत्र में 26 बैठकें हुईं और कुल उत्पादकता 118 फीसदी रही। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू के अभिभाषण पर धन्यवाद प्रस्ताव पर चर्चा में 173 सदस्यों ने भागीदारी की। राज्यसभा में सत्र के दौरान 159 घंटे में 119 प्रतिशत कामकाज हुआ। इस सत्र में 49 निजी विधेयक पेश किये गये। संसद के इस सत्र में राष्ट्रपति शासन के अधीन मणिपुर के लिए भी बजट को मंजूरी प्रदान की गयी।

सोनिया के बयान पर लोकसभा में हंगामा

लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने शुक्रवार को विपक्षी सदस्यों के शोरगुल और नारेबाजी के बीच कहा कि सदन में केंद्रीय बजट पर चर्चा में 169 सदस्यों ने भाग लिया, वहीं सत्र के दौरान 10 सरकारी विधेयक पुर:स्थापित किये गये। इससे पहले सदन की कार्यवाही शुरू होने पर भाजपा के सदस्यों ने कांग्रेस संसदीय दल की प्रमुख सोनिया गांधी की एक टिप्पणी को लेकर उनसे माफी की मांग करते हुए हंगामा किया।

कांग्रेस के सदस्य अपनी बात रखने पर अड़े

वहीं विपक्षी सदस्यों ने अमेरिका के जवाबी शुल्क (टैरिफ) को लेकर सदन में हंगामा किया। नारेबाजी नहीं थमने पर बिरला ने पूर्वाह्न करीब 11 बजकर पांच मिनट पर सदन की कार्यवाही दोपहर 12 बजे तक के लिए स्थगित कर दी। कार्यवाही दोपहर 12 बजे फिर से शुरू होने पर सदन में संसदीय कार्य मंत्री किरेन रीजीजू द्वारा सोनिया की उक्त टिप्पणी का उल्लेख किये जाने के बाद कांग्रेस के सदस्यों ने भी अपनी बात रखने का आग्रह करते हुए सदन में हंगामा किया। इसके कुछ मिनट बाद ही बिरला ने सदन की कार्यवाही अनिश्चितकाल के लिए स्थगित कर दी।

राज्यसभा में धन्यवाद प्रस्ताव पर चर्चा तीन दिन तक चली

राज्यसभा में सभापति जगदीप धनखड़ ने सदन के 267वें सत्र को अनिश्चित काल के लिए स्थगित करने से पहले अपने पारंपरिक संबोधन में कहा कि इस दौरान सदन में वक्फ (संशोधन) विधेयक सहित कई महत्वपूर्ण विषयों पर चर्चा हुयी। उन्होंने बताया कि सत्र के दौरान 159 घंटे में 119 प्रतिशत कामकाज हुआ। इस सत्र में 49 निजी विधेयक पेश किये गये। उन्होंने कहा कि इस सत्र के दौरान राष्ट्रपति के अभिभाषण के धन्यवाद प्रस्ताव और बजट पर लंबी चर्चा हुयी। उन्होंने बताया कि राष्ट्रपति के अभिभाषण के धन्यवाद प्रस्ताव पर चर्चा तीन दिन तक चली और इसमें 73 सदस्यों ने हिस्सा लिया। धनखड़ ने कहा कि तीन अप्रैल को उच्च सदन की कार्यवाही पूर्वाह्न 11 बजे से शुरू होकर अगले दिन यानी चार अप्रैल को सुबह चार बज कर दो मिनट तक चली जो अब तक की सबसे लंबी बैठक थी।

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