बाढ़ में डूबेगा पाकिस्तान ! चिनाब नदी पर बगलिहार डैम के गेट खोले गए
जम्मू - पाकिस्तान द्वारा एलओसी पर लगातार नागरिक इलाकों को निशाना बनाए जाने के बाद भारत ने एक बार फिर उसे बिना हथियार चलाए करारा जवाब दिया है। इस बार भारत ने चिनाब नदी के जरिये दबाव बनाने की रणनीति अपनाई। गुरुवार को बगलिहार और सलाल बांध के गेट खोलकर भारत ने पाकिस्तान की ओर भारी मात्रा में पानी छोड़ा, जिससे वहां कई इलाकों में बाढ़ जैसी स्थिति बन गई। इससे न केवल पाकिस्तान की सैन्य गतिविधियां प्रभावित हुईं, बल्कि उसके सीमावर्ती क्षेत्रों में अफरा-तफरी मच गई।
यह पिछले पांच दिनों में दूसरी बार है जब भारत ने 'वाटर स्ट्राइक' का सहारा लिया है। इससे पहले रविवार को भारत ने चिनाब का जल प्रवाह रोक दिया था, जिससे पाकिस्तान में सूखे जैसे हालात बन गए थे और उसकी कई जलविद्युत परियोजनाएं ठप हो गई थीं। हालांकि, भारत ने सोमवार को दोबारा पानी छोड़ दिया था। गौरतलब है कि ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के चलते बौखलाए पाकिस्तान ने मंगलवार रात से भारत के सीमावर्ती इलाकों में गोलाबारी शुरू कर दी थी, जिसमें एक भारतीय जवान शहीद हो गया और 14 नागरिकों की भी मौत हुई।
लगभग 100 नागरिक घायल हुए हैं। संबंधित अधिकारियों के अनुसार, बीती रात डोडा-किश्तवाड़ और रियासी में भारी बारिश हुई। इस स्थिति को देखते हुए बगलियार और सलाल बांधों के जल प्रवाह को नियंत्रित करने और उसे स्थिर रखने के लिए दो अतिरिक्त गेट खोल दिए गए हैं। इसके परिणामस्वरूप, रियासी के नीचे स्थित अखनूर में जलस्तर 20 फीट से ऊपर बढ़ गया है। इस कारण पाकिस्तान के सीमा क्षेत्र में भी बाढ़ की स्थिति उत्पन्न हो गई है। हालांकि इसकी पुष्टि नहीं हुई है, लेकिन सूत्रों के अनुसार, गढ़खाल और परगवाल सेक्टर के पास स्थित कुछ पाकिस्तानी क्षेत्रों, जो चिनाब नदी के बाढ़ क्षेत्र में हैं, में पानी भर गया है।
भारत जब चाहे सूखे और बाढ़ की स्थित कर सकता है पैदा
सूत्रों के अनुसार, सिंधु जल समझौते के तहत, चिनाब नदी के पानी के प्रवाह को रोकने या बांधों से अचानक पानी छोड़ने से पहले पाकिस्तान को सूचना दी जाती थी। अब इस समझौते को स्थगित कर दिया गया है, जिसके कारण अब पाकिस्तान को कोई सूचना नहीं दी जा रही है। इससे भारत को यह अधिकार मिल गया है कि वह जब चाहे, पाकिस्तान में सूखा या बाढ़ की स्थिति उत्पन्न कर सकता है।

