

लंदन : पाकिस्तान ने पहली बार स्वीकार किया है कि वह दशकों से आतंकियों का पालन-पोषण कर रहा है। यह स्वीकारोक्ति पाकिस्तानी रक्षा मंत्री ख्वाजा आसिफ के मुंह से आई। एक साक्षात्कार में आसिफ ने आतंकवादी संगठनों को समर्थन, प्रशिक्षण और वित्त पोषण देने की बात स्वीकारी और कहा कि पाकिस्तान यह ‘गंदा काम’ पश्चिमी देशों के लिए करता है, इस गलती के लिए पाकिस्तान को भुगतना पड़ा है।
साक्षात्कार में, समाचार प्रस्तुतकर्ता यल्दा हकीम ने पहलगाम आतंकवादी हमले के बाद आतंकवाद पर पाकिस्तान की प्रतिक्रिया और रुख पर आसिफ से सवाल किया। हकीम ने पूछा, ‘आप (क्या) स्वीकार करते हैं, श्रीमान् कि पाकिस्तान का इन आतंकवादी संगठनों को समर्थन, प्रशिक्षण देने और वित्त पोषण का लंबा इतिहास रहा है?’ आसिफ ने जवाब दिया, ‘ठीक है, हम लगभग तीन दशकों से अमेरिका और ब्रिटेन सहित पश्चिम के लिए यह गंदा काम कर रहे हैं। वह एक गलती थी, और हमने उसे भुगता है, और इसलिए आप मुझसे यह कह रही हैं। अगर हम सोवियत संघ के खिलाफ युद्ध और बाद में 9/11 के बाद के युद्ध में शामिल नहीं हुए होते तो पाकिस्तान का ट्रैक रिकॉर्ड (पिछला इतिहास)... एक बेदाग ट्रैक रिकॉर्ड होता।’
उन्होंने कहा, ‘इस क्षेत्र में जो कुछ भी हो रहा है, उसके लिए पाकिस्तान को दोषी ठहराना बड़ी शक्तियों के लिए बहुत सुविधाजनक है। जब हम 1980 के दशक में सोवियत संघ के खिलाफ उनकी तरफ से युद्ध लड़ रहे थे, तब आज के ये सभी आतंकवादी वाशिंगटन में मौज-मस्ती कर रहे थे। और फिर 9/11 का हमला हुआ। फिर से वही स्थिति दोहराई गई। मुझे लगता है कि तब हमारी सरकारों ने गलती की थी।’
साथ ही उन्होंने यह भी कहा कि उस समय पाकिस्तान को ‘प्रॉक्सी (मुखौटे)’ के रूप में इस्तेमाल किया गया था। पहलगाम हमले की जिम्मेदारी लेने वाले द रेजिस्टेंस फ्रंट के प्रतिबंधित संगठन लश्कर-ए-तैयबा (एलईटी) से जुड़े होने पर आसिफ ने कहा, ‘लश्कर-ए-तैयबा अब पाकिस्तान में मौजूद नहीं है। यह विलुप्त हो चुका है। यदि मूल संगठन मौजूद नहीं है, तो यहां शाखा कैसे जन्म ले सकती है?’ उन्होंने कहा, ‘हम भारत की किसी भी पहल पर अपनी प्रतिक्रिया को उसी के अनुसार रखेंगे। यह एक सोचा-समझा जवाब होगा। अगर कोई चौतरफा हमला या ऐसा कुछ होता है, तो जाहिर है कि पूरी तरह युद्ध होगा।’