भारत पाक को एफएटीएफ की निगरानी सूची में फिर से रखे जाने पेश करेगा पुख्ता सुबूत

पाक आईएमएफ से मिले कर्ज का इस्तेमाल हथियार खरीदने और आतंकवाद को बढ़ाना देने कर रहा!
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नयी दिल्ली : भारत वित्तीय कार्रवाई कार्यबल (एफएटीएफ) की अगली बैठक में पाकिस्तान को निगरानी सूची में फिर से रखे जाने के लिए ठोस सुबूतों के साथ अपना पक्ष रखेगा। धनशोधन पर लगाम लगाने और आतंकियों को वित्त पोषण रोकने में पाकिस्तान की नाकामी के कारण भारत यह कदम उठायेगा।

जून में होगी एफएटीएफ की अगली बैठक

आधिकारिक सूत्रों ने शुक्रवार को कहा कि इस बात के ठोस सुबूत और आंकड़े हैं कि पाकिस्तान को अंतरराष्ट्रीय मुद्राकोष (आईएमएफ) और अन्य बहुपक्षीय संस्थानों से जो कर्ज मिलता है, उसका उपयोग हथियार खरीदने और आतंकवाद को बढ़ाना देने में किया जाता है। इसको ध्यान में रखते हुए एफएटीएफ की अगली बैठक में पाकिस्तान को एफएटीएफ की निगरानी सूची में रखने के लिए ठोस सुबूत रखे जायेंगे। एफएटीएफ की पूर्ण बैठक साल में तीन बार फरवरी, जून और अक्टूबर में होती है।

पाकिस्तान को 2018 में एफएटीएफ की सूची में रखा गया था

पाकिस्तान को 2018 में एफएटीएफ की सूची में रखा गया था। बाद में उसने धनशोधन और आतंकियों के वित्तपोषण पर लगाम लगाने के लिए एक कार्ययोजना पेश की थी। इसके बाद 2022 में उसे एफएटीएफ की इस सूची से हटा दिया गया था। एफएटीएफ एक स्वतंत्र अंतर-सरकारी निकाय है जो धनशोधन, आतंकियों को वित्तपोषण और सामूहिक विनाश के हथियारों के प्रसार के वित्तपोषण से निपटने के लिए वैश्विक मानक निर्धारित करता है।

पाक के हथियारों के आयात में हुई 20% की वृद्धि

गौरतलब है कि 22 अप्रैल को जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले के बाद भारत और पाकिस्तान के बीच तनाव बढ़ गया है। उस हमले में 26 लोग मारे गये थे। सार्वजनिक आंकड़ों के अनुसार पाकिस्तान अपने आम बजट का औसतन लगभग 18 प्रतिशत ‘रक्षा मामलों और सेवाओं’ पर खर्च करता है जबकि संघर्ष-प्रभावित देश भी औसतन इससे कहीं कम (अपने आम बजट का 10-14 प्रतिशत) खर्च करते हैं। इतना ही नहीं 1980 से 2023 तक पाकिस्तान के हथियारों के आयात में नाटकीय रूप से औसतन 20 प्रतिशत की वृद्धि हुई है। हथियारों के आयात में वृद्धि उन वर्षों में हुई जब उसे आईएमएफ से धन मिला है। इससे पहले भारत ने अंतरराष्ट्रीय मुद्राकोष की प्रमुख क्रिस्टलिना जॉर्जीवा के समक्ष पाकिस्तान को वित्तीय सहायता दिये जाने का मुद्दा उठाया था।

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