मेरे पति की मौत उच्च अधिकारियों के ‘सुनियोजित उत्पीड़न’ का परिणाम : अमनीत

आईपीएस अफसर की ‘आत्महत्या’ के मामले में रहस्य और गहराया
amneet p kumar
अमनीत पी कुमार
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चंडीगढ़ : हरियाणा के एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी वाई पूरन कुमार की संदिग्ध आत्महत्या के मामले में रहस्य और गहराता दिख रहा है। अधिकारी ने एक नोट छोड़ा है, जिसमें उन्होंने वरिष्ठ अधिकारियों के नाम लिये हैं और अपनी वरिष्ठ आईएएस अधिकारी पत्नी अमनीत पी कुमार से राज्य पुलिस प्रमुख के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज करने कराने को कहा है। अमनीत ने भी हरियाणा के मुख्यमंत्री को एक पत्र लिखकर चंडीगढ़ पुलिस पर गंभीर आरोप लगाये हैं और कहा है कि उनके पति का 9 पन्नों का विस्तृत सुसाइड नोट और उनकी औपचारिक शिकायत मौजूद होने के बावजूद अब तक कोई एफआईआर दर्ज नहीं की गयी है।

ips puran kumar with wife ias amneet  (file photo)
अमनीत पी कुमार पति वाई पी कुमार के साथ (फाइल फोटो)

अवनीत का एक्शन होने तक पति के शव का पोस्टमार्टम कराने से इनकार

पति कुमार के ‘आत्महत्या’ करने के अमनीत जापान से चंडीगढ़ लौटीं। अमनीत हरियाणा सरकार के विदेश सहयोग विभाग की आयुक्त एवं सचिव हैं। वे जापान गये हरियाणा सरकार के एक प्रतिनिधिमंडल का हिस्सा थीं। उन्होंने बुधवार को पुलिस में दर्ज शिकायत में दावा किया कि उनके पति की मौत उच्चपदस्थ अधिकारियों के ‘सुनियोजित उत्पीड़न’ का परिणाम है। उन्होंने हरियाणा के पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) शत्रुजीत कपूर और एक अन्य वरिष्ठ आईपीएस अधिकारी के खिलाफ भारतीय न्याय संहिता (बीएनएस), 2023 की धारा 108 (आत्महत्या के लिए उकसाना) और अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जनजाति (अत्याचार निवारण) अधिनियम के प्रावधानों के तहत प्राथमिकी दर्ज करने का अनुरोध किया। सूत्रों के अनुसार बुधवार को अमनीत ने न्याय मिलने तक अपने पति के शव का पोस्टमार्टम कराने की अनुमति देने से कथित तौर पर इनकार कर दिया।

ips y pooran kumar shot himself by service pistol
वाई पी कुमार (फाइल फोटो)

अधिकारियों के हक के लिए आवाज उठाते थे कुमार

गौरतलब है कि पूरन कुमार ने कथित तौर पर चंडीगढ़ स्थित अपने आवास पर ‘खुद को गोली मार ली’ थी। उन्होंने एक नोट छोड़ा है जिसमें ‘वरिष्ठ अधिकारियों’ के नाम हैं और पिछले कुछ वर्षों में उन्होंने जो ‘मानसिक उत्पीड़न’ और अपमान झेला था, उसका विवरण दिया गया है। पूरन कुमार 2001 बैच के भारतीय पुलिस सेवा (आईपीएस) अधिकारी थे और वे मंगलवार को चंडीगढ़ स्थित अपने आवास में मृत पाये गये थे। सेक्टर 11 स्थित उनके आवास के भूतल के एक कमरे में उनका शव मिला। उनके शरीर पर गोली लगने के निशान थे। पूरन कुमार (52) अधिकारियों के अधिकारों, वरिष्ठता और अन्य मुद्दों से संबंधित मामलों में अपने हस्तक्षेप के लिए जाने जाते थे। उन्हें हाल में रोहतक के सुनारिया में पुलिस प्रशिक्षण केंद्र (पीटीसी) के महानिरीक्षक के रूप में तैनात किया गया था। पुलिस को दी गयी अपनी शिकायत में अमनीत ने कहा कि उनके पति एक बेदाग छवि वाले, ईमानदार और असाधारण सार्वजनिक भावना वाले अधिकारी थे। पूरन कुमार अनुसूचित जाति समुदाय से थे।

जाति आधारित भेदभाव का आरोप

सूत्रों ने बताया कि कुमार ने 9 पन्नों का टाइप किया हुआ और हस्ताक्षरित ‘अंतिम नोट’ छोड़ा है, जिसका शीर्षक उन्होंने ‘हरियाणा के संबंधित वरिष्ठ अधिकारियों द्वारा अगस्त 2020 से जाति आधारित लगातार घोर भेदभाव, निशाना बनाकर किया गया मानसिक उत्पीड़न, सार्वजनिक अपमान और अत्याचार, जो अब असहनीय है’ दिया है। सूत्रों ने बताया कि नोट में जाति आधारित भेदभाव, सार्वजनिक अपमान, अधिकारी को निशाना बनाकर मानसिक उत्पीड़न और अत्याचार का आरोप लगाया गया है। नोट में उन्होंने कथित तौर पर उनके खिलाफ दुर्भावनापूर्ण तरीके से अज्ञात और छद्म शिकायतें दर्ज कराये जाने का भी जिक्र किया। उन्होंने आरोप लगाया कि कुछ अधिकारियों ने इस तरह की शिकायतों के आधार पर उन्हें सार्वजनिक रूप से अपमानित और शर्मिंदा किया तथा उनकी प्रतिष्ठा को नुकसान पहुंचाया।

उच्चपदस्थ अधिकारियों ने किया व्यवस्थित उत्पीड़न : अमनीत

इस बीच अमनीत ने शिकायत में लिखा है कि यह कोई साधारण आत्महत्या का मामला नहीं है बल्कि यह साफ तौर पर मेरे पति के खिलाफ ताकतवर और उच्चपदस्थ अधिकारियों द्वारा व्यवस्थित उत्पीड़न का परिणाम है। मेरे पति जो अनुसूचित जाति समुदाय से आते हैं, को इन अधिकारियों ने अपने पद का इस्तेमाल करके उन्हें मानसिक रूप से प्रताड़ित किया और आखिरकार उन्हें इस हद तक मजबूर कर दिया कि उनके पास आत्महत्या के अलावा कोई विकल्प नहीं बचा। उन्होंने आरोप लगाया कि उनकी मौत ताकतवर लोगों की वजह से हुई और इससे उनका परिवार टूट गया है। उन्होंने कहा कि मेरे बच्चों को जवाब मिलना चाहिए। मेरे पति की दशकों की सार्वजनिक सेवा सम्मान की हकदार है, खामोशी की नहीं।

‘अत्याचारों को और नहीं झेल सकता’

पूरन कुमार के ‘आखिरी नोट’ में एक ऐसे मामले का जिक्र किया गया है जहां एक नौकरशाह (अब सेवानिवृत्त) ने समय पर उनकी अर्जित छुट्टी स्वीकृत नहीं की, जिसके कारण वे अपने पिता की मृत्यु से पहले उनसे मिलने नहीं जा सके। सूत्रों के अनुसार कुमार ने नोट में कहा है कि उन्होंने कई अधिकारियों के समक्ष ये मुद्दे उठाये, जो ‘रिकॉर्ड’ में दर्ज हैं। सूत्रों के अनुसार, नोट में लिखा है कि मैं जाति-आधारित भेदभाव, सार्वजनिक अपमान, निशाना बनाकर मानसिक उत्पीड़न और अत्याचारों को और नहीं झेल सकता, इसलिए यह सब खत्म करने का अंतिम निर्णय ले रहा हूं।

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