नयी दिल्ली : सेना के उप प्रमुख लेफ्टिनेंट जनरल राहुल आर सिंह ने शुक्रवार को कहा कि ‘ऑपरेशन सिंदूर’ में भारत ने एक साथ तीन दुश्मनों को मात दी थी। चीन ने भारत को तकलीफ पहुंचाने के लिए पाकिस्तान का इस्तेमाल किया और वह मई में भारतीय और पाकिस्तानी सेनाओं के बीच चार दिन तक चले संघर्ष के दौरान अपने सदाबहार सहयोगी को हरसंभव सहायता प्रदान कर रहा था जबकि इस दौरान तुर्किये के ड्रोन और पायलट पाकिस्तान में मौजूद थे।
चीन ने पाकिस्तान को लैब की तरह इस्तेमाल किया
सेना के उप प्रमुख (क्षमता विकास एवं संधारण) ने उद्योग चैंबर ‘फिक्की’ द्वारा आयोजित ‘नये युग की सैन्य प्रौद्योगिकी’ कार्यक्रम में कहा कि चीन ने भारत-पाकिस्तान संघर्ष का उपयोग विभिन्न हथियार प्रणालियों के परीक्षण के लिए एक ‘प्रयोगशाला’ की तरह किया। उन्होंने कहा कि ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के दौरान सीमा तो एक थी लेकिन दुश्मन तीन थे। पाकिस्तान मोर्चे पर था। उसके पास 81 फीसदी सैन्य हार्डवेयर चीनी हैं। चीन पाकिस्तान की हरसंभव मदद कर रहा था। उसने हमें हथियारों की लैब टेस्टिंग के तरह इस्तेमाल किया। तुर्किये ने भी बैरेक्टर सहित दूसरे ड्रोन दिये।
चीन ने अपनायी ‘उधार के चाकू’ से वार की रणनीति
लेफ्टिनेंट जनरल सिंह ने चीन की ‘36 चालों’ की प्राचीन सैन्य रणनीति और ‘उधार के चाकू’ से दुश्मन को मारने की रणनीति का उल्लेख करते हुए इस बात पर जोर दिया कि बीजिंग ने भारत को नुकसान पहुंचाने के लिए पाकिस्तान को हरसंभव समर्थन दिया। ‘उधार के चाकू से मारने’ का मतलब है कि दुश्मन को पराजित करने के लिए किसी तीसरे पक्ष का इस्तेमाल करना यानी चीन ने पाकिस्तान को भारत के खिलाफ इस्तेमाल किया। जब सैन्य संचालन महानिदेशक (डीजीएमओ) स्तर की वार्ता चल रही थी, तो पाकिस्तान को चीन से हमारे महत्वपूर्ण वेक्टरों (तकनीकी जानकारियों) के बारे में लाइव अपडेट मिल रहे थे।
नेतृत्व का स्पष्ट संदेश था : पहले की तरह दर्द को सहने की कोई गुंजाइश नहीं..
ले. जनरल सिंह ने कहा कि ‘ऑपरेशन सिंदूर’ से कुछ सबक मिले हैं। नेतृत्व द्वारा दिया गया रणनीतिक संदेश स्पष्ट था कि कुछ साल पहले की तरह दर्द को सहने की कोई गुंजाइश नहीं है...। लक्ष्यों की योजना और चयन बहुत सारे डेटा पर आधारित था जो प्रौद्योगिकी और मानव खुफिया जानकारी का उपयोग करके एकत्र किया गया था। उन्होंने कहा कि इसलिए कुल 21 लक्ष्यों को चह्नित किया गया, जिनमें से नौ लक्ष्यों पर हमने सोचा कि उन्हें निशाना बनाना समझदारी होगी। यह केवल अंतिम दिन या अंतिम घंटा था जब निर्णय लिया गया कि इन नौ लक्ष्यों पर निशाना साधा जायेगा। भारत के भीषण जवाबी हमले के कारण पाकिस्तान को ‘सीजफायर’ की गुहार लगाने पर मजबूर होना पड़ा।
अगली बार के लिए तैयार रहना होगा
सेना उप प्रमुख ने कहा कि पूरे ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के दौरान हवाई सुरक्षा और उसका अभियान कैसे हुआ, यह बेहद अहम था। इस बार हमारे आबादी केंद्र पर ध्यान नहीं दिया लेकिन अगली बार हमें इसके लिए तैयार रहना होगा। इसके लिए ज्यादा से ज्यादा हवाई सुरक्षा सिस्टम, काउंटर-रॉकेट आर्टिलरी ड्रोन जैसे सिस्टम तैयार करने होंगे। उन्होंने चेताया कि भविष्य में होने वाले युद्धों में एक कंप्यूटर एक्सपर्ट शामिल हो सकता है, जो शायद देश के एक हिस्से में बैठकर पूरी चीजों को कंट्रोल कर सकता है।