जी.बी. पंत अस्पताल में ओपीडी पंजीकरण के लिए मोबाइल ऐप और ऑनलाइन सिस्टम की मांग

भीड़ से जूझ रहे मरीजों को राहत दिलाने का आग्रह
जी.बी. पंत अस्पताल में ओपीडी पंजीकरण के लिए मोबाइल ऐप और ऑनलाइन सिस्टम की मांग
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सन्मार्ग संवाददाता

श्री विजयपुरम : अंडमान और निकोबार द्वीप समूह के सबसे बड़े अस्पताल जी.बी. पंत अस्पताल में प्रतिदिन लगने वाली भीड़, लंबी कतारें और घंटों इंतजार की समस्या को खत्म करने की मांग को लेकर एक महत्वपूर्ण प्रस्ताव उपराज्यपाल को सौंपा गया है। यह मांग हिंदू राष्ट्र शक्ति के राज्य युवा अध्यक्ष अंगशुमान रॉय ने एक पत्र के माध्यम से की है, जिसमें उन्होंने अस्पताल में मोबाइल ऐप और ऑनलाइन पोर्टल के माध्यम से ओपीडी टिकट पंजीकरण की व्यवस्था लागू करने का आग्रह किया है। प्रस्ताव में बताया गया है कि वर्तमान मैनुअल पंजीकरण प्रणाली से रोजाना एक हजार से अधिक मरीजों को पंजीकरण में दो से तीन घंटे का समय लग जाता है। इससे न केवल अस्पताल परिसर में भारी भीड़ हो जाती है, बल्कि वरिष्ठ नागरिकों, गर्भवती महिलाओं और दूरदराज़ द्वीपों से आने वाले मरीजों को भी काफी परेशानी का सामना करना पड़ता है। पत्र में सुझाव दिया गया है कि जी.बी. पंत अस्पताल में एक डिजिटल ओपीडी पंजीकरण प्रणाली शुरू की जाए, जिसमें मोबाइल ऐप, वेबसाइट, आईवीआरएस और एसएमएस के माध्यम से पंजीकरण की सुविधा हो। साथ ही आधार-आधारित पहचान प्रणाली को भी जोड़ा जाए ताकि फर्जी या डुप्लीकेट पंजीकरण को रोका जा सके। मरीजों को एसएमएस के माध्यम से टोकन नंबर की जानकारी देने की सुविधा भी शामिल होनी चाहिए ताकि अस्पताल में अनावश्यक भीड़ कम की जा सके। प्रस्ताव में कहा गया है कि इस प्रणाली के लागू होने से पंजीकरण कतारों में 60–70% की कमी आ सकती है, जिससे विशेष रूप से दूरदराज के क्षेत्रों के मरीजों को राहत मिलेगी। इसके अलावा, डॉक्टरों की उपलब्धता की पारदर्शी जानकारी और अस्पताल के संसाधनों का बेहतर प्रबंधन संभव हो पाएगा। इस पहल को ‘डिजिटल इंडिया’ और ‘राष्ट्रीय डिजिटल स्वास्थ्य मिशन’ के उद्देश्यों के अनुरूप बताते हुए अंगशुमान रॉय ने उपराज्यपाल से अनुरोध किया है कि वे स्वास्थ्य विभाग, एनआईसी और आईटी विभाग के अधिकारियों की एक संयुक्त निगरानी समिति बनाकर इस योजना को शीघ्र लागू कराने के निर्देश दें। साथ ही, मोबाइल ऐप विकास, एसएमएस गेटवे और अन्य तकनीकी आवश्यकताओं के लिए धन आवंटन सुनिश्चित करने की भी मांग की गई है।

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