

हुगली : अक्षय तृतीया के अवसर पर श्रीरामपुर के महेश स्थित भगवान जगन्नाथ के मंदिर में ऐतिहासिक चंदन लेप यात्रा का आयोजन किया गया। भगवान जगन्नाथ, बलभद्र और सुभद्रा को चंदन का लेप लगाया गया। किवंदती है कि वैशाख महीने में जिस तरह से ताप मात्रा बढ़ती है, वैसे भगवान को भी ताप महसूस होता है। राजा इंद्रदेव महाराज ने जगन्नाथ देव को गर्मी से बचाने के लिए ललाट पर चंदन लेप करने को कहा था। इसलिए चंदन का लेप कर भगवान को ठंडक पहुंचाई जाती है। इसे चंदन यात्रा या चंदन उत्सव के नाम से जाना जाता है। इसके साथ ही रथ उत्सव का शंखनाद हो जाता है। इस बार महेश की रथ यात्रा 629 वें साल में प्रवेश करेगी। मंदिर के प्रमुख सेवायत पियाल अधिकारी ने बताया कि 42 दिन तक चंदन लेप किया जायेगा। उसके बाद ऐतिहासिक स्नान यात्रा उत्सव मनाया जाएगा। चंदन यात्रा उत्सव देखने के लिए मंदिर में श्रद्धालुओं की भारी भीड़ उमड़ी। कविराज के औषधि का सेवन के बाद ताप कम हो जाता है ,उसके बाद स्वस्थ होकर प्रभु मौसी के घर रथ पर सवार हो कर जाते हैं। ओडिशा के पुरी के बाद श्रीरामपुर का महेश रथ उत्सव प्राचीन है।