

निधि, सन्मार्ग संवाददाता
कोलकाता : कोलकाता में न केवल लोगों के लिए बल्कि पशुओं के लिए अत्याधुनिक चिकित्सा सेवा उपलब्ध है। ऐसा ही साबित हुआ है दो कुत्तों, एक बॉक्सर और एक अंकिता के मामले में। समय पर उन्हें जीवन रक्षक उपचार मिलने से आज उन्हें एक तरह से नया जीवन मिला है। कोलकाता के एनिमल हेल्थ पैथोलॉजी लैब द्वारा पूर्वी भारत का पहला ओकुलर अल्ट्रासाउंड (B-स्कैन) सफलतापूर्वक किए जाने से दोनों की समस्याओं का ना केवल समय पर पता चला बल्कि इसपर इलाज भी शुरू कर दिया गया। मिली जानकारी के अनुसार बालीगंज के निवासी अरिजीत चटर्जी का 5 साल का बॉक्सर नस्ल के ‘स्काउट’ को आंख में गंभीर चोट पहुंची थी। इस स्थिति में मालिक को बेलघरिया के वेटनरी अस्पताल से Ocular B-Scan की सलाह दी गयी जो कि उक्त लैब में उपलब्ध होने का पता चलते ही वे यहां पहुंचे। लैब के मालिक प्रतीप चक्रवर्ती ने बताया इस मामले में जांच के बाद हमारी टीम ने अल्ट्रासाउंड मशीन, GE Logiq F6 का उपयोग करके स्कैन किया। रेडियोलॉजिस्ट डॉ. एस. मंडल ने रिपोर्ट में पाया कि स्काउट को लेफ्ट आई के ओफ्थैल्मिक B-स्कैन में रेगमेटोजेनस रेटिनल डिटेचमेंट यानी रेटिना का अलग हो जाने की परेशानी हुई है। यह एक मेडिकल इमरजेंसी थी जिसका पता लगने के बाद स्काउट की चिकित्सा शुरू हो गयी। इस प्रकार ही न्यू टाउन की निवासी सौरवी दास की ‘अंकिता’ जो कि जापानी नस्ल की है उसे देखने में परेशानी पर अस्पताल से उपचार के पहले डॉक्टरों ने ओकुलर B-स्कैन की सलाह दी, जो उस समय शहर में कहीं और उपलब्ध नहीं था मगर फिर उक्त लैब में अंकिता की आखिरकार यह जांच संभव हुई। दोनों ही मामलों में मालिकों का कहना है कि पालतुओं की चिकित्सा के क्षेत्र में यह सुविधा सराहनीय है। वहीं प्रतीप चक्रवर्ती ने कहा कि हमारी कोशिश है कि पशुओं की नेत्र जांच ही नहीं बल्कि उन्हें हर प्रकार की आधुनिक जांच और इलाज की सुविधा हम उपलब्ध करवा सकें।
क्या है आंख का बी-स्कैन (2D अल्ट्रासाउंड)
चिकित्सकों के अनुसार इस जांच में उच्च आवृत्ति वाली अल्ट्रासाउंड तरंगें आंख में भेजी जाती हैं। उनकी प्रतिध्वनि से आंख के भीतर की 2D तस्वीर बनती है। कुत्तों में यह जांच निम्न स्थितियों में बेहद जरूरी होती है। जैसे कि आंख में घना मोतियाबिंद होने पर, विट्रियस हेमरेज यानी आंख के भीतर रक्तस्राव होने पर, रेटिना से जुड़ी किसी भी समस्या में और आंख में कोई चीज चली जाए तो बी-स्कैन के माध्यम से इन सभी समस्याओं का पता लगाना आसान हो जाता है।