

नई दिल्ली : अब बीएड (बैचलर ऑफ एजुकेशन) की पढ़ाई के लिए अलग से कॉलेज नहीं रहेंगे। बीएड की पढ़ाई मल्टी डिसिप्लनरी कॉलेजों में ही होगी। यह दो तरह से मल्टी-डिस्पिलरी में तब्दील होंगे। पहला तीन किलोमीटर के एरिया वाले सभी एकल बीएड कॉलेज अब डिग्री कॉलेजों में समाहित हो जाएंगे।
दूसरा, 10 किलोमीटर एरिया वाले एकल बीएड कॉलेजों को अब अन्य डिग्री कॉलेज के साथ मिलकर बीएड डिग्री प्रोग्राम की पढ़ाई करवानी होगी। प्रति कोर्स 50 छात्रों को दाखिला मिलेगा। एनसीटीई ने देश के सभी 15 हजार से अधिक बीएड कॉलेजों को मल्टी डिस्पिलरी में तब्दील होने के लिए वर्ष 2030 तक की समय-सीमा तय की है।राष्ट्रीय अध्यापक शिक्षा परिषद (एनसीटीई) के राष्ट्रीय शिक्षा नीति (एनईपी) 2020 के तहत राज्यों को पहले एकल तकनीकी शिक्षा संस्थानों को बहुविषयक उच्च शिक्षा संस्थानों में बदलने के दिशानिर्देश जारी किए हैं।
एनईपी में स्कूली शिक्षा फाउंडेशनल, प्रीपैराटरी, मिडिल और सेकेंडरी यानी 5, 3, 3 और 4 के आधार पर बांटी गई है। इसमें 3 से 18 आयु वर्ग के छात्र शामिल होते हैं। इसमें छात्रों को विषयों की पढ़ाई के साथ ज्ञान, कौशल के अलावा शिक्षण की विभिन्न विधियों वाला दृष्टिकोण भी रखना होगा। इसी के तहत बीएड पाठयक्रमों में बदलाव किया जा रहा है।