

काबुल : सीमा पर तनाव के बीच अफगानिस्तान ने पाकिस्तान के खिलाफ बड़ी कार्रवाई करने की योजना बनाई है। वह पाकिस्तान को पानी के लिए तरसाने की तैयारी में लगा है। इसके लिए उसने कुनार नदी पर जितनी जल्दी हो सके बांध बनाकर पाकिस्तान जाने वाले पानी को रोकने की तैयारी शुरू कर दी है। अफगानिस्तान को चलाने वाले तालिबान के कार्यवाहक जल मंत्री ने बताया कि तालिबान के सर्वोच्च नेता मावलवी हिबतुल्लाह अखुंदजादा ने इसको लेकर आदेश जारी किया है। बताया जा रहा है कि पाकिस्तान कुनार नदी का 70-80% पानी पाकिस्तान इस्तेमाल करता है।
कैसे पड़ेगा असर : जानकारी हो कि 480 किलोमीटर लंबी कुनार नदी अफगानिस्तान से निकलकर पाकिस्तान में चितराल नदी बनकर काबुल नदी में मिलती है। कुनार नदी का 70-80% पानी पाकिस्तान में आता है। यह काबुल नदी फिर सिंधु नदी में शामिल होती है। अगर अफगानिस्तान बांध बनाकर कुनार का पानी रोकता है, तो पाकिस्तान को गंभीर नुकसान होगा। इसका सीधा असर खैबर पख्तूनख्वा पर पड़ेगा। इसके बाजौर, मोहम्मद जैसे इलाकों में खेती पूरी तरह इसी नदी पर निर्भर है। सिंचाई बंद होने से फसलें बर्बाद होने का खतरा बढ़ जाएगा। इसके अलावा, पानी रोकने से पाकिस्तान के चितराल जिले में कुनार नदी पर चल रहे 20 से ज्यादा छोटे हाइडल प्रोजेक्ट प्रभावित होंगे। ये सभी प्रोजेक्ट रन-ऑफ-रिवर हैं, यानी यह सीधे नदी के बहाव से बिजली बनाते हैं।
अफगानिस्तान ने भारत से ली सीख : बताया जा रहा है कि तालिबान ने भारत से सीख लेते हुए इस तरह का दांव खेला है। भारत ने 22 अप्रैल को जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले के चौबीस घंटे बाद ही सिंधु जल संधि को निलंबित कर दिया था। यह सिंधु और उसकी सहायक नदियों के पानी को साझा करने के लिए 65 साल पुराना समझौता है।
...और भिड़ गए दोनों पड़ाेसी : पाकिस्तान और अफगानिस्तान के बीच बॉर्डर पर झड़पें तब शुरू हुईं जब इस्लामाबाद ने मांग की कि काबुल उन आतंकवादियों को नियंत्रित करे जो सीमा के पार पाकिस्तान पर हमला करते हैं। उन्होंने कहा कि तहरीक-ए-तालिबान पाकिस्तान के इन उग्रवादियों को अफगानिस्तान में पनाह मिला हुआ है। तालिबान ने इस आरोप से इनकार किया है। इसी के बाद पाकिस्तान ने तहरीक-ए-तालिबान पाकिस्तान को निशाना बनाने का दावा करते हुए काबुल पर हवाई हमले कर दिए। जवाब में तालिबान ने सीमा पार पाकिस्तानी चौकियों को निशाना बनाया। दोनों तरफ दर्जनों मौते हुईं। आखिर में कतर और तुर्की द्वारा आयोजित वार्ता में पाकिस्तान और तालिबान के बीच सीजफायर पर सहमति बनी।