जगदल जूट मिल में अस्थायी कार्यस्थगन की नोटिस

5 हजार श्रमिकों का भविष्य अधर में, मिल गेट पर भारी तनाव
Notice of temporary work stoppage at Jagdal Jute Mill.
मिल गेट पर प्रदर्शन करते श्रमिक
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निधि, सन्मार्ग संवाददाता

जगदल (भाटपाड़ा): उत्तर 24 परगना जिले के औद्योगिक क्षेत्र जगदल में स्थित 'जगदल जूट इंडस्ट्रीज लिमिटेड' में सोमवार को उस वक्त भारी तनाव फैल गया, जब मिल प्रबंधन ने मुख्य द्वार पर अचानक 'कार्यस्थगन' (Suspension of Work) की नोटिस चस्पा कर दी। इस फैसले ने मिल में कार्यरत लगभग 5,000 श्रमिकों के सामने अचानक से आजीविका का गंभीर संकट खड़ा कर दिया है।

अचानक नोटिस से भड़का आक्रोश

मिल सूत्रों के अनुसार, प्रबंधन ने रविवार देर रात किसी समय चुपचाप गेट पर नोटिस लगा दिया था। सोमवार सुबह जब हजारों की संख्या में श्रमिक अपनी निर्धारित पाली (शिफ्ट) में काम करने पहुँचे, तो उन्होंने गेट पर ताला और नोटिस देखा। नोटिस में मिल बंद करने का मुख्य कारण 'कच्चे माल (कच्चा जूट) की भारी कमी' को बताया गया है। काम बंद होने की खबर मिलते ही श्रमिक भड़क उठे और मिल गेट के सामने जमा होकर प्रबंधन के खिलाफ जोरदार नारेबाजी और विरोध-प्रदर्शन शुरू कर दिया।

श्रमिकों का प्रस्ताव था अनसुना

प्रदर्शनकारी श्रमिकों का आरोप है कि मिल में कच्चे माल की समस्या के बारे में उन्हें पहले से जानकारी थी। इस संकट को देखते हुए श्रमिक संगठनों और मजदूरों ने प्रबंधन को यह प्रस्ताव भी दिया था कि मिल को पूरी तरह बंद करने के बजाय काम के दिनों या घंटों को कम कर दिया जाए (जैसे सप्ताह में 3 या 4 दिन काम), ताकि मिल भी चलती रहे और मजदूरों के चूल्हे भी जलते रहें। लेकिन प्रबंधन ने मजदूरों की इस मानवीय अपील पर कोई ध्यान नहीं दिया और सीधे 'काम बंदी' का नोटिस लगा दिया।

सुरक्षा के कड़े इंतजाम

मिल गेट पर बढ़ती भीड़ और आक्रोश को देखते हुए स्थानीय पुलिस प्रशासन तुरंत हरकत में आया। किसी भी संभावित हिंसा या तोड़फोड़ को रोकने के लिए भारी संख्या में पुलिस बल की तैनाती की गई है। स्थिति की संवेदनशीलता को देखते हुए 'रैपिड एक्शन फोर्स' (RAF) को भी मौके पर उतारा गया है। वर्तमान में क्षेत्र में तनाव बना हुआ है और श्रमिक इस बात पर अड़े हैं कि जब तक मिल खोलने का आश्वासन नहीं मिलता, वे पीछे नहीं हटेंगे।

मजदूरों का कहना है कि त्योहारों और महंगाई के इस दौर में अचानक बेरोजगारी उन्हें भुखमरी की कगार पर खड़ा कर देगी। अब सभी की नजरें श्रम विभाग और प्रबंधन के बीच होने वाली संभावित त्रिपक्षीय बैठक पर टिकी हैं।

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