उत्तरी क्षेत्र के एडवेंचरर्स की यात्रा 1 जुलाई को होगी शुरू, 30 जून को दिखाई जाएगी हरी झंडी

उत्तरी क्षेत्र के एडवेंचरर्स की यात्रा 1 जुलाई को होगी शुरू, 30 जून को दिखाई जाएगी हरी झंडी
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सन्मार्ग संवाददाता

जलपाईगुड़ी : उत्तर बंगाल के एडवेंचर क्लब हिमालय की सुदूर पर्वत चोटियों पर अभियान पर निकलने के लिए हाथ मिला रहे हैं। यह पहली बार है जब उत्तर बंगाल ही नहीं बल्कि पश्चिम बंगाल में भी इस तरह की संयुक्त पहल हो रही है। लद्दाख हिमालय में करीब 21,000 फीट ऊंची पोलोगांका चोटी पर राष्ट्रीय ध्वज फहराने के उद्देश्य से उत्तरी क्षेत्र के एडवेंचरर्स की यात्रा 1 जुलाई को शुरू होगी। अभियान को 30 जून को हरी झंडी दिखाई जाएगी। ध्वज को जलपाईगुड़ी या सिलीगुड़ी से रवाना किया जाएगा। हालांकि इस उत्तरी क्षेत्र के एडवेंचर पसंद करने वाले लड़के-लड़कियों में प्रतिभा की कोई कमी नहीं है, लेकिन अवसरों की कमी है। अगर लड़के-लड़कियां अपनी पहल पर पर्वतारोहण पाठ्यक्रम पूरा भी कर लेते हैं, तो उन्हें कई कारणों से पर्वतारोहण अभियान पर जाने का अवसर नहीं मिल पाता। सबसे बड़ा कारण आर्थिक है। अधिकांश एडवेंचर क्लबों के पास कोई वित्तीय संसाधन नहीं है। क्लब अपने सदस्यों के दान पर चलते हैं। इसमें कोई सरकारी या निजी फंडिंग नहीं है। वहीं दूसरी ओर टीम बनाकर अकेले अभियान चलाने के लिए बड़ी संख्या में प्रशिक्षित पर्वतारोहियों की जरूरत होती है, साथ ही बहुत सारा पैसा भी चाहिए। इन दोनों मामलों में उत्तर के अधिकांश क्लब बहुत पीछे हैं। इन सभी कारणों से इस पर्वतारोहण अभियान का आयोजन एक संयुक्त पहल है। यह समय की मांग हो सकती है। इस पहल के जरिए एक ओर जहां उत्तर बंगाल के विभिन्न इलाकों में फैले रोमांच और पहाड़ पसंद करने वाले लड़के-लड़कियां ऊंचे हिमालय का अनुभव कर सकेंगे वहीं दूसरी ओर क्लबों को सिर्फ एक या दो लोगों की जिम्मेदारी लेनी होगी। उत्तर में अलीपुरदुआर से लेकर सिलीगुड़ी तक छह एडवेंचर क्लब इस दुर्गम अभियान के लिए एक साथ आए हैं। इस मिशन के लिए 12 सदस्यों की टीम बनाई गई है। इसका नेतृत्व उत्तर बंगाल के अनुभवी पर्वतारोही भास्कर दास कर रहे हैं। बाकी लोगों में जयंत सरकार, सुजय बानिक, त्रिदीव सरकार, डॉ. स्वरूप खान, हीरक ब्रह्मा, नवनीश दत्ता, पियाली विश्वास, अमूल ठाकुर, सायन घोष, पार्थ प्रतिम डे और सुष्मिता सरकार शामिल हैं। इन 12 सदस्यों के अलावा टीम में लद्दाख से दो गाइड और दो रसोई कर्मचारी शामिल होंगे। वे 7 जुलाई को बेस कैंप में अभियान में शामिल होंगे। रोवर्स एंड माउंटेनियर्स क्लब अलीपुरदुआर, कूचबिहार माउंटेनियर्स क्लब, ओदलाबाड़ी नेचर एंड एडवेंचर सोसाइटी, मयनागुड़ी एनवायरन्मेंट एंड एडवेंचर क्लब, नेचर एंड ट्रैकर्स क्लब ऑफ जलपाईगुड़ी, नॉर्थ बंगाल एक्सप्लोरर्स क्लब, इस तरह से इस 'टीम नॉर्थ बंगाल' का चयन किया गया है। इन संगठनों के अलावा उत्तर के अन्य संगठन भी इस पहल का समर्थन कर रहे हैं।

उत्तर बंगाल एक्सप्लोरर्स क्लब की सदस्य और अभियान में पहली बार भाग लेने वाली पियाली विश्वास ने कहा कि उत्तर के एडवेंचर क्लबों की यह संयुक्त पहल इस क्षेत्र के एडवेंचर और पर्वत प्रेमी युवक-युवतियों को हिमालय के हृदय से अनुभव प्राप्त करने का एक बड़ा अवसर प्रदान करेगी। रोवर्स एंड माउंटेनियर्स क्लब के सदस्य और अभियान में पहली बार भाग लेने वाले सायन घोष ने कहा कि भविष्य में इस क्षेत्र के और भी युवक-युवतियां पर्वतारोहण पाठ्यक्रम पूरा कर उच्च हिमालय पर जाने के लिए खुद को तैयार करेंगे। हालांकि पर्वतारोहण का मतलब सिर्फ पहाड़ की चोटी पर पहुंचना नहीं है। पर्वतारोहण एक ओर जहां मानसिक और शारीरिक क्षमताओं को बढ़ाता है, वहीं दूसरी ओर यह खेल खतरे में भी डटे रहना, सही निर्णय लेना और किसी भी चुनौती का सामना करने से न डरना भी सिखाता है।

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