सन्मार्ग संवाददाता
बारासात : उत्तर 24 परगना जिले के लगभग 38 बंगाली पर्यटक कश्मीर में बाल-बाल बच गए। उन्हें पहलगांव में हुए भीषण आतंकवादी हमले के स्थल पर ही घूमने जाना था जिसके लिए वे रवाना हुए थे हालांकि बीच रास्ते ही उन्हें वहां चलाये गये खूनी खेल की जानकारी मिली। यह सुन वे सभी स्तब्ध रह गये। मिली जानकारी के अनुसार न्यू बैरकपुर निवासी और टूर एजेंट देबाशीष सरकार के नेतृत्व में पर्यटकों का यह ग्रुप हमले की दोपहर को पहलगांव पहुंचा था। उनका गंतव्य बैसरन घाटी थी जिसे 'मिनी स्विट्जरलैंड' कहा जाता है। घटना के दिन दोपहर के समय उन्हें सड़क पर मौजूद सैनिकों से खबर मिली कि एक घातक आतंकवादी हमला हुआ है। उन्हें सड़क पर ही रोक दिया गया। उनकी गाड़ी के पीछे ही पर्यटकों की गाड़ियों की कतारें लग चुकी थी। चारों ओर सैन्य गतिविधियां चल रही थीं। बैसरन घाटी पहलगांम मुख्य बाजार से लगभग 6 किलोमीटर ऊपर स्थित है, जहां जाने का सामान्य मार्ग घोड़े पर सवार होकर जाता है। अचानक हुई सैन्य गतिविधि, एम्बुलेंसों और सेना के वाहनों की आवाजाही तथा ऊपर हेलीकॉप्टरों के दिखने से पर्यटकों में दहशत फैल गई। सुरक्षा कारणों से सेना के जवानों ने सड़क अवरुद्ध कर दी थी। उक्त पर्यटकों को बताया गया कि हमले में कई लोग मारे गए। इसके बाद यह निर्णय लिया गया कि पर्यटक समूह बिना कोई और जोखिम उठाए सुरक्षित वापस लौट जाएगा। पर्यटकों के इस ग्रुप में उत्तर 24 परगना के सोदपुर, पानीहाटी, आसनसोल और कोलकाता सहित विभिन्न क्षेत्रों के लोग थे। वे 16 अप्रैल को रवाना हुए थे। उनको 28 तारीख को कोलकाता लौटने का कार्यक्रम था। उक्त टूर एंड ट्रैवल्स के साथ यात्रा करने वाले पर्यटक समूह के सदस्यों ने बताया कि यात्रा का आनंद तुरंत ही भय में बदल गया। रिश्तेदारों की चिंता भी चरम पर पहुंच गई। पर्यटक समूह ने सोशल मीडिया पर लाइव होकर वहां के माहौल के बारे में कहा। वे सभी लोग सुरक्षित श्रीनगर लौटने में सफल रहे हालांकि, उन्होंने यह भी कहा कि वर्तमान में श्रीनगर आने पर भी पर्यटकों को अत्यधिक समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है। भूस्खलन के कारण राष्ट्रीय राजमार्ग क्षतिग्रस्त हो गया है और यात्रा वैकल्पिक मार्गों से की जा रही है। अब पर्यटकों के परिवार वाले उनके घर लौटने का बेसब्री से इंतजार कर रहे हैं।