

सबिता राय, सन्मार्ग संवाददाता
दार्जिलिंग/सिलीगुड़ी : बंगाल के दार्जिलिंग जिले में हुए विनाशकारी भूस्खलन में मरने वालों की संख्या बढ़कर 28 हो गई है जबकि छह लोग अब भी लापता बताए जा रहे हैं। बचाव दलों को पहाड़ी क्षेत्रों में बढ़ते पानी की चुनौतियों का सामना करना पड़ रहा है। मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने दामोदर घाटी निगम (डीवीसी) को “मानव निर्मित आपदा” के लिए जिम्मेदार ठहराया। क्षेत्र में 12 घंटों में 300 मिमी से अधिक बारिश के कारण भूस्खलन से दार्जिलिंग, जलपाईगुड़ी और कलिम्पोंग जिलों में भारी तबाही मची, जिससे हजारों पर्यटक फंस गए, सैकड़ों लोग बेघर हो गए और कई पहाड़ी ढलानें धंस गईं। बचाव दल को 40 से अधिक भूस्खलन स्थलों को साफ करने में कठिनाई हो रही है, क्योंकि उफनती नदियों और टूटे हुए पुलों के कारण दूरदराज की बस्तियों का संपर्क टूट गया है। उत्तर बंगाल विकास मंत्री उदयन गुहा ने कहा कि मृतकों की संख्या बढ़ने की आशंका है क्योंकि राहत अभियान अभी जारी है। उन्होंने कहा, “अभी तक 28 लोगों की मौत हो चुकी है और छह लापता है। ये मौतें दार्जिलिंग और जलपाईगुड़ी दोनों जिलों में हुई हैं।”सबसे अधिक प्रभावित क्षेत्रों में दार्जिलिंग के मिरिक, सुखियापोखरी और जोरेबंगलो तथा जलपाईगुड़ी जिले के नागराकाटा शामिल हैं जहां सड़कें टूट गई है, पुल ढह गये थे और गांव मलबे में दब गए हैं। सैकड़ों पर्यटक फंसे हुए हैं, जबकि स्थानीय लोग अपने परिवार के लापता सदस्यों की खबर का बेसब्री से इंतजार कर रहे हैं।
तबाही का ऐसा मंजर ने हर किसी को किया गमगीन
* मृतकों की संख्या बढ़ने की आशंका
* 6 अभी भी लापता
* सैकड़ों लोग बेघर हो गए
* कई पहाड़ी ढलानें धंस गईं
* 40 से अधिक भूस्खलन स्थलों को साफ करने में कठिनाई
* सैकड़ों पर्यटक फंसे हुए हैं
*उफनती नदियों और टूटे हुए पुलों के कारण दूरदराज की बस्तियों का संपर्क टूट गया