

नई दिल्ली - पहलगाम में हुए आतंकी हमले के बाद भारत और पाकिस्तान के संबंध काफी नाजुक हो गए हैं। दोनों देशों के बीच 1960 में हुआ सिंधु जल समझौता अब रोक दिया गया है, जिससे पाकिस्तान को गंभीर जल संकट का सामना करना पड़ सकता है। भारत के इस फैसले से पाकिस्तान में हलचल मच गई है, और वहां पानी की भारी किल्लत हो सकती है। इसके अलावा, पाकिस्तान को दवाओं की भी कमी का सामना करना पड़ सकता है, क्योंकि पाकिस्तान की फार्मास्युटिकल इंडस्ट्री दवाइयों के 30-40 प्रतिशत रॉ मटेरियल के लिए पूरी तरह से भारत पर निर्भर है, जिसमें सक्रिय दवा सामग्री (API) और विभिन्न उन्नत चिकित्सा उत्पाद शामिल हैं।
इमरजेंसी प्लान में जुटा पाकिस्तान
सूत्रों के मुताबिक, भारत के साथ व्यापार संबंधों के निलंबन के बाद, पाकिस्तान के स्वास्थ्य अधिकारियों ने दवा की आपूर्ति सुनिश्चित करने के लिए एक आपातकालीन योजना शुरू कर दी है। जियो न्यूज के अनुसार, भारत से व्यापार बंद होने के बाद पाकिस्तान ने दवा की ज़रूरतों को पूरा करने के लिए तुरंत कदम उठाए। स्वास्थ्य अधिकारियों ने देश में दवा की आपूर्ति की सुरक्षा के लिए आपातकालीन योजना को लागू किया है।
भारत से आपूर्ति बंद होने के बाद, पाकिस्तान की ड्रग रेगुलेटरी अथॉरिटी अब चीन, रूस और कई यूरोपीय देशों से वैकल्पिक स्रोतों की तलाश कर रही है ताकि आवश्यक चिकित्सा आपूर्ति जैसे एंटी-रेबीज वैक्सीन, एंटी-स्नेक वेनम, कैंसर उपचार, मोनोक्लोनल एंटीबॉडी और अन्य महत्वपूर्ण जैविक उत्पादों की उपलब्धता बनी रहे।
पाकिस्तान में दवाओं की हो सकती कमी
पाकिस्तान की ड्रग रेगुलेटरी अथॉरिटी (DRAP) ने यह पुष्टि की है कि हालांकि दवा क्षेत्र पर प्रतिबंध के असर के बारे में कोई आधिकारिक सूचना नहीं दी गई है, फिर भी आवश्यक तैयारियां पहले से ही की जा रही हैं। DRAP के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा, "2019 के संकट के बाद, हमने ऐसी आपातकालीन स्थिति के लिए तैयारी शुरू कर दी थी। अब हम अपनी दवा संबंधी जरूरतों को पूरा करने के लिए वैकल्पिक उपायों पर सक्रिय रूप से विचार कर रहे हैं।" स्वास्थ्य विशेषज्ञों ने चेतावनी दी है कि अगर जल्द कार्रवाई नहीं की गई, तो दवा की कमी हो सकती है।
कच्चे माल के लिए भारत पर निर्भरता
स्वास्थ्य सेवा से जुड़े एक अधिकारी ने बताया, "पाकिस्तान अपने दवा कच्चे माल का लगभग 30%-40% भारत से आयात करता है। इसके अलावा, हम भारत से तैयार उत्पाद, खासकर कैंसर उपचार, जैविक उत्पाद, टीके और सीरम, जैसे एंटी-रेबीज वैक्सीन और एंटी-स्नेक वेनम भी आयात करते हैं।" हालांकि स्वास्थ्य मंत्रालय को दवा आयात की स्थिति पर कोई औपचारिक निर्देश नहीं मिला है, जबकि सरकार द्वारा व्यापक व्यापार निलंबन प्रभावी है। पाकिस्तान को चिंता है कि यदि यह बाधा लंबे समय तक बनी रही, तो जीवन रक्षक दवाओं की गंभीर कमी हो सकती है।
22 अप्रैल को हुआ था पहलगाम में हमला
22 अप्रैल को जम्मू-कश्मीर के अनंतनाग जिले के पहलगाम के पास बैसरन घाटी में आतंकवादियों ने पर्यटकों को निशाना बनाकर हमला किया, जिसमें 26 लोगों की हत्या हो गई और लगभग 17 लोग घायल हो गए। यह हमला 2019 के पुलवामा हमले के बाद अब तक का सबसे घातक हमला था। हमले की जिम्मेदारी लश्कर-ए-तैयबा के सहयोगी संगठन द रेजिस्टेंस फ्रंट (TRF) ने ली। आतंकवादियों ने पर्यटकों से उनका धर्म पूछा और हिंदू पर्यटकों को निशाना बनाया। कुछ पीड़ितों से "कलमा" पढ़ने को कहा गया, और जो इसे नहीं पढ़ पाए, उन्हें गोली मार दी गई।