मस्जिद बनाये जाने के मामले में हाई कोर्ट का स्टे नहीं

कानून व्यवस्था बनाये रखने की जिम्मेदारी राज्य कीसांप्रदायिक सौहार्द बनाये रखने को हुमायूं भी जिम्मेदार
मस्जिद बनाये जाने के मामले में हाई कोर्ट का स्टे नहीं
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जितेंद्र, सन्मार्ग संवाददाता

कोलकाता : बेलडांगा में मस्जिद बनाये जाने के मामले में हाई कोर्ट ने शुक्रवार को कोई स्टे नहीं लगाया। एक्टिंग चीफ जस्टिस सुजय पाल और जस्टिस पार्थ सारथी सेन के डिविजन बेंच में इस बाबत एक पीआईएल दायर की गई थी। शुक्रवार को इसकी सुनवायी के दौरान डिविजन बेंच ने कानून व्यवस्था बनाये रखने का आदेश राज्य सरकार को दिया। इसके साथ ही कहा है कि अगर आवश्यकता पड़ती है तो क्षेत्र में तैनात सेंट्रल फोर्स की मदद ली जा सकती है। इस मस्जिद की आधारशिला शनिवार को बेलडांगा में रखी जाएगी।

इस मस्जिद का ढांचा बाबरी मस्जिद के अनुरूप होगा। विधायक हुमायूं कबीर ने इस आशय की घोषणा की है। डिविजन बेंच ने विधायक हुमायूं कबीर को इस कार्यक्रम के दौरान सांप्रदायिक सौहार्द बनाये रखने का आदेश दिया है। इस बाबत उनके एडवोकेट की सहमति को रिकार्ड कर लिया गया। डॉ. अब्दुल सलाम शेख ने यह पीआईएल दायर की है। पीटिशनर की तरफ से पैरवी करते हुए सीनियर एडवोकेट विकास रंजन भट्टाचार्या ने कहा कि वे मंदिर मस्जिद बनाये जाने का विरोध नहीं करते हैं, पर बाबरी मस्जिद की घटना का हवाला देते हुए कहा कि कानून व्यवस्था बनाये रखना बेहद जरूरी है। इसके जवाब में एडवोकेट जनरल किशोर दत्त ने कहा कि बेहद मजबूत पुलिस व्यवस्था की गई है। बड़े पैमाने पर पुलिस वाले तैनात किए गए हैं। इस मामले में केंद्र सरकार को भी पार्टी बनाया गया है। केंद्र की तरफ से पैरवी करते हुए एडवोकेट राजदीप मजुमदार ने कहा कि कानून व्यवस्था बनाये रखना राज्य सरकार की जिम्मेदारी है। इसके बावजूद क्षेत्र में तैनात सेंट्रल फोर्स की मदद ली जा सकती है।

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