निमिषा को फांसी के बचाने के लिए सुप्रीम कोर्ट में याचिका, सोम को सुनवाई

निमिषा को बचाने और ‘ब्लड मनी’ के लिए प्रयास जारी, केंद्र से हस्तक्षेप की गुहार
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निमिषा प्रिया
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नयी दिल्ली : उच्चतम न्यायालय ने यमन में उस भारतीय नर्स को बचाने के लिए केंद्र को राजनयिक माध्यमों का इस्तेमाल करने का निर्देश देने का अनुरोध करने वाली याचिका पर सुनवाई के लिए गुरुवार को सहमति जतायी जिसे हत्या के आरोप में 16 जुलाई फांसी दिये जाने की संभावना है। यह याचिका ‘सेव निमिषा प्रिया इंटरनेशनल एक्शन काउंसिल’ नाम के संगठन द्वारा दायर की गयी है, जिसमें केंद्र से अपील की गयी है कि वह तत्काल राजनयिक हस्तक्षेप करे और ‘ब्लड मनी’ के जरिये निमिषा की जान बचाने के लिए पहल करे।

निमिषा की फांसी की तारीख 16 जुलाई तय!

निमिषा प्रिया को 2017 में यमन के नागरिक तलाल अब्दो महदी की हत्या के मामले में दोषी ठहराया गया था। अब निमिषा (38) की फांसी की तारीख 16 जुलाई तय की गयी है। उनके परिवार और समर्थकों को अब भी ‘ब्लड मनी’ के जरिये माफी मिल जाने की उम्मीद है लेकिन तलाल के परिवार की सहमति और यमन की जटिल राजनीतिक स्थिति इसकी राह में सबसे बड़ी बाधा है। ‘ब्लड मनी’ इस्लामी शरीया के तहत एक कानूनी प्रावधान है, जिसके तहत पीड़ित के परिजन दोषी को माफ कर सकते हैं यदि उन्हें मुआवजा (ब्लड मनी) दिया जाये।

शीर्ष न्यायालय में सोमवार को सुनवाई

वरिष्ठ अधिवक्ता रजेंथ बसंत ने गुरुवार को न्यायमूर्ति सुधांशु धूलिया और न्यायमूर्ति जॉयमाल्य बागची के पीठ के समक्ष इस मामले का उल्लेख किया। उन्होंने दलील दी कि समय बहुत ही कम बचा है और अगर केंद्र सरकार तुरंत हस्तक्षेप करती है तो निमिषा की जान बचायी जा सकती है। पीठ ने इस याचिका को मंगलवार (15 जुलाई) को सुनने का सुझाव दिया, तब बसंत ने अनुरोध किया कि राजनयिक प्रक्रिया में लगने वाले समय को देखते हुए सुनवाई इससे पहले की जाये। पीठ ने सहमति जताते हुए अब इस मामले को 14 जुलाई (सोमवार) के लिए सूचीबद्ध कर लिया है।

क्या है मामला?

निमिषा 2008 में नर्स के रूप में काम करने के लिए यमन गयी थीं। उन्होंने यमन में एक क्लीनिक खोलने के लिए तलाल अब्दो महदी के साथ साझेदारी की क्योंकि यमन के कानून के तहत विदेशियों को स्थानीय साझेदार जरूरी है। बाद में तलाल के साथ विवाद शुरू हुआ। निमिषा ने आरोप लगाया कि तलाल ने फर्जी दस्तावेजों के जरिये उनसे शादी का दावा किया, उनका यौन और मानसिक शोषण किया, उनके पैसे छीने, और उनका पासपोर्ट जब्त कर लिया। निमिषा ने 2017 में अपना पासपोर्ट वापस लेने के लिए तलाल को बेहोशी का इंजेक्शन दिया लेकिन डोज अधिक होने से तलाल की मौत हो गयी। निमिषा को हत्या का दोषी पाया गया।

राजनयिक प्रयास

कई राजनीतिक दलों और जन संगठनों ने विदेशमंत्री एस जयशंकर से इस मामले में हस्तक्षेप की अपील की है। विदेश मंत्रालय ने निमिषा को बचाने के लिए हर संभव मदद का आश्वासन दिया है। भारत सरकार यमन के अधिकारियों और हूती प्रशासन के साथ संपर्क में है, लेकिन यमन में गृहयुद्ध और हूती विद्रोहियों के नियंत्रण के कारण कूटनीतिक प्रयास जटिल हैं। ईरान, जो हूती विद्रोहियों का समर्थन करता है, ने इस मामले में मदद की पेशकश की है।

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