

नई दिल्ली : उच्चतम न्यायालय ने भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (एनएचएआई) को राजमार्ग की भूमि पर अनधिकृत कब्जे को रोकने के लिए प्रभावी कदम उठाने और गश्त करने के लिए पुलिस अधिकारियों की निगरानी टीम बनाने का निर्देश दिया है। शीर्ष न्यायालय ने केंद्र को प्रिंट, इलेक्ट्रॉनिक और सोशल मीडिया पर ‘राजमार्गयात्रा’ मोबाइल ऐप्लिकेशन की उपलब्धता का व्यापक प्रचार करने का भी निर्देश दिया है।
एनएचएआई ने ‘राजमार्गयात्रा’ मोबाइल ऐप्लिकेशन पेश किया है जिसका उद्देश्य राष्ट्रीय राजमार्ग उपयोगकर्ताओं के लिए व्यापक जानकारी और प्रभावी शिकायत निवारण प्रदान करना है। न्यायमूर्ति अभय एस ओका और न्यायमूर्ति ऑगस्टीन जॉर्ज मसीह के पीठ ने कहा कि राजमार्गों पर टोल और फूड प्लाजा पर मोबाइल ऐप्लिकेशन की उपलब्धता के बारे में जानकारी प्रमुखता से प्रदर्शित की जानी चाहिए। पीठ ने कहा कि हम संयुक्त सचिव (राजमार्ग) को निर्देश देते हैं कि वे ‘राजमार्गयात्रा’ मोबाइल ऐप्लिकेशन पर दर्ज शिकायतों की विभिन्न श्रेणियों का विवरण दर्ज करें, जिसमें राजमार्ग की भूमि पर अनधिकृत कब्जे से संबंधित शिकायतें और उनपर की गयी कार्रवाई शामिल हों।
पीठ ने एनएचएआई को राजमार्गों पर अनधिकृत कब्जे से संबंधित शिकायतों की रिपोर्टिंग के लिए शिकायत निवारण पोर्टल बनाने के संबंध में अनुपालन रिपोर्ट देने का निर्देश दिया और कहा कि अनुपालन हलफनामे तीन महीने के भीतर दायर किये जाने चाहिए। शीर्ष न्यायालय ने राजमार्ग प्रशासन को राष्ट्रीय राजमार्गों के निरीक्षण के लिए टीम के गठन के संबंध में एक विस्तृत मानक संचालन प्रक्रिया जारी करने का भी निर्देश दिया, जिसमें राजमार्ग भूमि पर अनधिकृत कब्जे के बारे में डाटा एकत्र करना भी शामिल है।