

मुनमुन, सन्मार्ग संवाददाता
कोलकाता : नेहरू चिल्ड्रन्स म्यूजियम इन दिनों बच्चों और अभिभावकों के बीच खासा लोकप्रिय बना हुआ है। विंटर वेकेशन चल रहा है और बच्चे इन दिनों मौज मस्ती के मूड में हैं। न तो क्लास की पाबंदी है और न ही मास्टर साहब की सख्ती है। इसलिए घूमने फिरने का पूरा मौका है। वैसे तो महानगर में घूमने फिरने के बहुत सारे स्थान हैं पर म्यूजियम की बात ही अलग है। म्यूजियम की गुड़ियों की गैलरी उन्हें सबसे ज्यादा आकर्षित कर रही है। यहां 96 देशों की 1100 से अधिक गुड़िया रखी गई हैं और उन्हें पारंपरिक परिधानों में सजाया गया है। हर गुड़िया अपने देश की संस्कृति और परंपरा को दर्शाती है। रंग-बिरंगी गुड़ियों का यह संग्रह बच्चों के लिए ज्ञान और मनोरंजन का अनोखा संगम है। इस साल दिसंबर में अब तक करीब 70 हजार पर्यटक म्यूजियम की सैर कर चुके हैं।
फिनलैंड सेक्शन से जुड़ीं 4 नयी गुड़िया
नेहरू चिल्ड्रन्स म्यूजियम के डायरेक्टर सुदीप श्रीमाल ने बताया कि इस वर्ष गुड़ियों के संग्रह को और समृद्ध किया गया है। फिनलैंड सेक्शन में चार नयी गुड़ियों को शामिल किया गया है, जो बच्चों को बहुत आकर्षित कर रही हैं। पारंपरिक परिधानों में सजी ये गुड़िया फिनलैंड की संस्कृति और जीवनशैली को सुंदर ढंग से प्रस्तुत करती हैं। रंग-बिरंगी और बारीक कारीगरी वाली इन गुड़ियों को देखने के लिए बच्चों में काफी उत्साह है। उन्होंने कहा कि नयी गुड़ियों के जुड़ने से दर्शकों की संख्या में और वृद्धि हुई है।
फ्रेम्स के जरिए महाकाव्य दृश्यों की प्रदर्शनी
म्यूजियम ने बच्चों और पर्यटकों के लिए एक अनोखी प्रदर्शनी लगाई है। म्यूजियम में फ्रेम्स के माध्यम से रामायण और महाभारत के महत्वपूर्ण दृश्य प्रस्तुत किये गये हैं। रामायण और महाभारत के क्रमशः 61-61 फ्रेम्स लगे हैं, जो इन महाकाव्यों की कथा को जीवंत रूप में दर्शाते हैं। हर फ्रेम के पास हिंदी, अंग्रेजी और बांग्ला में विवरण लिखा गया है, जिससे आने वाले पर्यटक आसानी से कहानी को समझ सकें। यह प्रदर्शनी न केवल बच्चों के लिए शिक्षाप्रद है, बल्कि संस्कृति और साहित्य से परिचित कराने का भी बेहतरीन माध्यम है।
म्यूजियम में आये बच्चों ने कहा
म्यूजियम भ्रमण पर आये टेक्नो इंडिया ग्रुप पब्लिक स्कूल के छात्र वियांश भट्टाचार्य ने बताया कि मैं पहली बार म्यूजियम आया हूं। यहां साउथ कोरिया, जापान, इंडोनेशिया, अफ्रीका सहित कई देशों की गुड़ियों का एक साथ संग्रह देखने को मिला, जो आजकल टीवी या पुस्तकों में भी आसानी से नहीं मिलता। छात्र श्रीजन कुंडू ने कहा कि गुड़ियों के माध्यम से रामायण और महाभारत की कथाओं को जिस सुंदर और प्रभावशाली ढंग से प्रस्तुत किया गया है, वह अद्भुत है। वहीं प्रत्यय करमाकर और अद्रिका मंडल ने बताया कि इस भ्रमण से उन्हें विभिन्न संस्कृतियों और परंपराओं को समझने का अवसर मिला।