नयी दिल्ली : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रविवार को कहा कि जातिगत जनगणना उनकी सरकार के उस मॉडल की दिशा में एक कदम है जो हाशिये पर पड़े और हर क्षेत्र में पीछे रह गये लोगों को विकास की मुख्य धारा में लाने के लिए है।
‘ऑपरेशन सिंदूर’ की सफलता आत्मनिर्भरता की दिशा में अहम उपलब्धि
मोदी ने राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) शासित राज्यों के मुख्यमंत्रियों की बैठक को संबोधित करते हुए कहा कि ‘ऑपरेशन सिंदूर’ की सफलता देश की आत्मनिर्भरता की दिशा में हासिल की गयी उपलब्धियों की पुष्टि भी है। उन्होंने स्वदेशी रक्षा प्रौद्योगिकी की सटीकता को भी रेखांकित किया। भाजपा अध्यक्ष जे पी नड्डा ने संवाददाताओं को बैठक की जानकारी देते हुए बताया कि सत्तारूढ़ राजग जाति की राजनीति में विश्वास नहीं करता लेकिन जातिगत जनगणना से विकास के विभिन्न क्षेत्रों में पीछे छूट गये लोगों को मदद मिलेगी।
सशस्त्र बलों की वीरता की प्रशंसा
राजग के मुख्यमंत्रियों और उपमुख्यमंत्रियों की रविवार को हुई बैठक में सशस्त्र बलों की वीरता और मोदी के साहसिक नेतृत्व की प्रशंसा करते हुए एक प्रस्ताव पारित किया गया। प्रस्ताव राजस्थान के मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने पेश किया और शिवसेना नेता और महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने इसका समर्थन किया।
बैठक में 19 मुख्यमंत्री शामिल हुए
प्रधानमंत्री मोदी के अलावाएक दिवसीय बैठक में केंद्रीय मंत्री राजनाथ सिंह, अमित शाह, भाजपा अध्यक्ष जे पी नड्डा भी। इस बैठक में करीब 19 मुख्यमंत्री और इतने ही उपमुख्यमंत्री शामिल हुए। हरियाणा के मुख्यमंत्री नायब सैनी ने जातिगत गणना पर प्रस्ताव पेश किया। बैठक के दौरान मोदी सरकार के तीसरे कार्यकाल की पहली वर्षगांठ और सुशासन के मुद्दों पर भी चर्चा की गयी। इस सम्मेलन में विचार-विमर्श का एक महत्वपूर्ण हिस्सा विभिन्न राज्यों की राजग सरकारों द्वारा अपनाये गये सर्वोत्तम तरीकों पर केंद्रित था। कई मुख्यमंत्रियों ने अपने-अपने राज्यों की प्रमुख योजनाओं पर प्रस्तुतियां दीं। बैठक में 22 अप्रैल को पहलगाम में हुए आतंकवादी हमले में मारे गये लोगों को श्रद्धांजलि भी दी गयी।