बीजापुर में नक्सलियों ने प्लांट किया प्रेशर बम, चपेट में आकर जवान शहीद

शव को जंगल से बाहर निकाला जा रहा है, सर्च ऑपरेशन जारी
बीजापुर में नक्सलियों ने प्लांट किया प्रेशर बम, चपेट में आकर जवान शहीद
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बीजापुर : जिले के तोयनार से फरसेगढ़ के बीच नक्सल प्रभावित मोरमेड गांव के जंगल में प्रेशर बम की चपेट में आकर छत्तीसगढ़ सशस्त्र बल (सीएएफ) 19 वीं बटालियन का जवान मनोज पुजारी (26) शहीद हो गया है। बताया जा रहा है कि नक्सलियों ने यह बम प्लांट किया था। सीएसएफ के एक अधिकारी ने बताया कि तोयनार से फरसेगढ़ के बीच बन रही सड़क की सुरक्षा के लिए सीएएफ के दल को गश्त पर रवाना किया गया था। दल के साथ जब जवान मनोज पुजारी तोयनार से फरसेगढ़ की ओर 4 किलोमीटर दूर मोरमेड गांव के जंगल में था तब उसका पैर प्रेशर बम के ऊपर चला गया। इससे बम में विस्फोट हो गया और वह शहीद हो गया। जवान के शव को जंगल से बाहर निकाला जा रहा है। जानकारी हो कि राज्य के नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में तैनात सुरक्षाबलों के जवानों को निशाना बनाने के लिए माओवादी जंगलों और पगडंडियों में प्रेशर बम लगा देते हैं। प्रेशर बम विस्फोट की घटना में कई जवानों की मृत्यु हुई है तथा कई अन्य घायल हुए हैं।

आसपास और भी विस्फोटक होने की आशंका : विस्फोट के तुरंत बाद सुरक्षाबलों ने इलाके को घेरकर सर्चिंग अभियान शुरू कर दिया है। जवानों को आशंका है कि आसपास और भी विस्फोटक हो सकते हैं, इसलिए क्षेत्र में सावधानी बरती जा रही है। गौरतलब है कि बीजापुर जिले में नक्सली गतिविधियां लगातार बनी हुई हैं। एक हफ्ते पहले मनकेली गांव के पास पुलिस ने सीरियल आईएलडी बरामद किए थे। वहां से 3 बोतल बम और 2 टिफिन बम को डिफ्यूज किया गया था। छत्तीसगढ़ के बस्तर क्षेत्र में नक्सलियों के खात्मे के लिए लगातार एंटी नक्सल ऑपरेशन चलाया जा रहा है। सुरक्षाबल घने जंगलों में सर्चिंग अभियान चला रहे हैं और माओवादियों की तलाश कर रहे हैं।

गृहमंत्री ने 1 साल में नक्सलवाद खत्म करने का किया है ऐलान : छत्तीसगढ़ की विष्णुदेव साय सरकार ने नक्सलियों के लिए नई पुनर्वास नीति शुरू की है। इसके तहत जो माओवादी आत्मसमर्पण करते हैं उन्हें नकद राशि, घर, शिक्षा और रोजगार जैसी सुविधाएं दी जा रही हैं। केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने हाल ही में ऐलान किया है कि 31 मार्च 2026 तक देश से नक्सलवाद पूरी तरह खत्म कर दिया जाएगा। इस घोषणा के बाद से ही सुरक्षा बल माओवादियों पर दबाव बनाकर उन्हें सरेंडर करने को मजबूर कर रहे हैं। सुरक्षा बलों की कार्रवाई से घबराकर नक्सली अब आईईडी ब्लास्ट जैसे हमलों का सहारा ले रहे हैं ताकि अपनी मौजूदगी दर्ज करा सकें। हाल ही में माओवादियों ने एक पर्चा जारी कर ग्रामीणों को पहाड़ों पर न जाने की चेतावनी दी है और उसमें लिखा है कि उन्होंने सुरक्षा बलों को नुकसान पहुंचाने के लिए आईईडी बम लगाए हैं।

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