कोलकाता : शारदीय नवरात्रि का दूसरा दिन मां ब्रह्मचारिणी को समर्पित होता है। इस दिन माता की पूजा करने का विशेष महत्व है, जो भक्तों को त्याग, तप, और संयम की शिक्षा देती हैं। मां ब्रह्मचारिणी का स्वरूप एक श्वेत वस्त्र में लिपटी कन्या के रूप में होता है। उनके हाथों में अष्टदल की माला और कमंडल होता है। उनका रूप साधा लेकिन भव्य और अतिसौम्य होता है।
पूजा की विधि
- स्नान और व्रत का संकल्प: सुबह उठकर स्नान करें और व्रत का संकल्प लें।
- स्वच्छ वस्त्र पहनें: सफेद या पीले रंग के वस्त्र पहनें, क्योंकि ये मां ब्रह्मचारिणी के प्रिय रंग हैं।
- मंदिर की सफाई: पूजा से पहले मंदिर की सफाई करें और पिछले दिन के सूखे फूल हटा दें।
- पूजा सामग्री: माता के सामने दीपक जलाएं और फल, फूल, चंदन, कुमकुम, अक्षत और अन्य पूजा सामग्री रखें।
- मंत्रों का जाप: मां ब्रह्मचारिणी के मंत्रों का जाप करें। आरती करें और भोग लगाएं।
- प्रसाद वितरण: पूजा समाप्त होने पर प्रसाद का वितरण करें।
शुभ मंत्र
मां ब्रह्मचारिणी की पूजा करते समय निम्नलिखित मंत्र का जाप करें:
ॐ द्रां द्रीं द्रौं सः ब्रह्मचारिण्यै नमः।
इस मंत्र का जाप करने से आप मां का आशीर्वाद प्राप्त कर सकते हैं। नवरात्रि का यह दिन मां ब्रह्मचारिणी के प्रति अपनी श्रद्धा अर्पित करने का एक अद्भुत अवसर है।
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