सन्मार्ग संवाददाता
नदिया : शहीद जवान झंटू शेख का परिवार भी तमाम देशवासियों की तरह ही सुबह से ही टीवी व मोबाइल के सामने बैठकर ऑपरेशन सिंदूर को लेकर आ रहे अपडेट्स पर नजरें गड़ाये हुए था। भारतीय सेना पाकिस्तान और पाक अधिकृत कश्मीर में आतंकवादी ठिकानों को नष्ट कर रही है, यह देख शहीद झंटू शेख की पत्नी देखकर रो पड़ीं। झंटू शेख की पत्नी शहनाज परवीन जब भी टीवी स्क्रीन पर विस्फोट देखतीं तो मानों उन्हें सुकून मिलता था। आंखों में आंसू भले ही पति के खोने को लेकर आये हों मगर इसदिन चेहरे पर थोड़ी शांति थी। हालांकि शहनवाज ने ऑपरेशन सिंदूर को लेकर कहा कि यह एक झटका लगा है। दहशत फैलाने वालों को पता चलेगा कि शांति खत्म करने का परिणाम क्या होता है। झंटू के बारह वर्षीय बेटे के चेहरे पर भी विजय की मुस्कान दिखाई दी, जो अपने पिता के ताबूत को कब्र तक ले गया था। आतंकियों के अड्डों के नष्ट होने की खबर सुनकर बुजुर्ग पिता सबूर शेख ने भी चुप्पी तोड़ते हुए कहा कि अब मेरे बेटे को उसकी कब्र में शांति मिलेगी। 6 नंबर पैरा एसएफ में कार्यरत झंटू नदिया जिले के तेहट्ट के पाथरघाटा के रहने वाले थे। जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में आतंकवादी हमले के तुरंत बाद उधमपुर में आतंकवादियों के साथ मुठभेड़ में वह शहीद हो गये थे। झंटू के बड़े भाई भी भारतीय सेना में सेवारत हैं। झंटू शेख के बड़े भाई रफीकुल शेख जो कि भारतीय सेना में सूबेदार हैं ने बुधवार को परिवार से बात की। उन्होंने कहा कि सेना 26 लोगों की हत्या का बदला लेने के लिए दृढ़ थी। उन्होंने कहा कि मेरा भाई भी इसका हिस्सा था। यह जीत मेरे भाई की है। रफीकुल ने कहा कि वह सुबह से ही ऑपरेशन सिंदूर पर नजर रख रहे हैं। मैं भारतीय सेना को सलाम करता हूं। मैं प्रधानमंत्री और केंद्रीय गृह मंत्री को देश की जनता की भावनाओं और मानसिक पीड़ा का सम्मान करने के लिए धन्यवाद देता हूं। उन्होंने कहा कि पाकिस्तान में पनप रहे आतंकवाद को नष्ट करने के लिए सेना हमेशा अपना बलिदान देने के लिए तैयार है। मेरा भाई 26 निर्दोष लोगों की हत्या का बदला लेते हुए शहीद हो गया। आज भाई की जीत का दिन है। शहीद की पत्नी शहनाज ने कहा कि आज हम खुशी से रो रहे हैं। भारत सरकार और मेरे पति के सहकर्मियों ने उनकी मौत का बदला लिया। जिस तरह से इस अभियान का नाम रखा गया है, उससे हमारी आंखों में आंसू आ गए हैं।