

सन्मार्ग संवाददाता
नदिया : 21 जुलाई तृणमूल कार्यकर्ताओं और समर्थकों के एक लिए एक भावुक करने वाला दिन है। इस दिन हर साल, हजारों की संख्या में तृणमूल नेता व कर्मी शहीदों को श्रद्धांजलि देने के लिए धर्मतल्ला में इकट्ठा होते हैं। हर साल, कई लोग इस दिन को यादगार बनाने के लिए कुछ न कुछ नया करते हैं। इस क्रम में इस साल नदिया के शाहिद मंडल ने भी ऐसा ही एक अनोखा कदम उठाया है। वह शहीद दिवस की सभा में शामिल होने के लिए पैदल ही रवाना हो गया है। शाहिद मंडल, नदिया के तेहट्ट के तरणिपुर इलाके में रहता है और गृह शिक्षक का काम करता है। शाहिद 21 जुलाई की सभा में शामिल होने के लिए अकेले ही तेहट्ट से पैदल चल दिया है। अगले रविवार यानी 20 जुलाई की शाम तक लाखों लोगों के धर्मतल्ला स्थित शहीद मंच के पास पहुंचने की उम्मीद है। शाहिद पार्टी सुप्रीमो ममता बनर्जी का प्रशंसक है। शाहिद का कहना है कि वह हर साल शहीद दिवस रैली में शामिल होता है। अन्य वर्षों में वह बस या ट्रेन से आता रहा है मगर इस वर्ष उसने सालों से पैदल धर्मतल्ला पहुंचने के अपने विचार पर अमल करते हुए यह कदम उठाया। शाहिद ने यह भी कहा कि तेहट्ट के पार्टी कार्यकर्ताओं ने भी उसका भरपूर उत्साहवर्धन किया और उसे आवश्यक सहयोग दिया है। तृणमूल कार्यकर्ता शाहिद का मानना है कि ममता बनर्जी ही एकमात्र ऐसी व्यक्ति हैं जो भारत के सांप्रदायिक सद्भाव की रक्षा कर सकती हैं। आज जिस तरह से पूरे भारत में सांप्रदायिक जहर फैलाया जा रहा है, उससे केवल वही लोगों को बचा सकती हैं। शाहिद के अनुसार, इसीलिए वह हर साल ममता बनर्जी के आह्वान पर शहीद दिवस रैली में शामिल होता है। उसने तेहट्ट के तरणिपुर बाजार से पैदल यात्रा शुरू की है। वह प्रतिदिन 20-25 किलोमीटर पैदल चलेगा। इस दौरान वह किसी पार्टी कार्यालय में रात बितायेगा और रविवार शाम या सोमवार (21 जुलाई) की सुबह से पहले धर्मतल्ला स्थित शहीद कार्यक्रम में पहुंच जायेगा।