नदिया : बेटे के इलाज के लिए उसने एक निजी वित्तीय संस्थान से कर्ज लेने के बाद वह उसे नहीं चुका पाने के कारण पड़ रहे दबाव से परेशान युवक ने फांसी लगा ली। यह घटना नदिया के हरिनघाटा थाने के मोहनपुर में घटी। मृतक की पहचान सुब्रत कर्मकार (28) के रूप में हुई है। पुलिस ने घटना की जांच शुरू कर दी है। ज्ञात हो कि सुब्रत कर्मकार पेशे से राजमिस्त्री था। वह अपने दो बच्चों और पत्नी झूमा के साथ हरिनघाटा मोहनपुर के गेट नंबर 2 इलाके में रहता था। उसका 9 वर्षीय बेटा देख नहीं सकता है। बताया जाता है कि छोटे डेढ़ वर्षीय बच्चे को भी गले में समस्या के कारण उसे बोलने में परेशानी होती है। उसने डेढ़ साल पहले अपने बच्चों के इलाज के लिए एक वित्तीय संस्थान से 75 हजार रुपये का कर्ज लिया था जिसकी मासिक किस्त की राशि साढ़े तीन हजार रुपये थी। पहले साल हर महीने किस्तें भरी गईं। पिछले पांच-छह महीने से उसके पास कोई काम नहीं था। नतीजतन, वह कथित तौर पर किस्त जमा करने में असमर्थ था। बताया जाता है कि किस्त नहीं मिलने पर कंपनी ने उससे कई बार संपर्क किया। आरोप है कि पैसे चुकाने का दबाव बढ़ता जा रहा था। सोमवार को कंपनी का एक कर्मचारी उसके घर आने वाला था। युवक ने अपनी पत्नी से कहा कि पैसे जमा हो गए हैं। युवक उस दिन सुबह उठा और पत्नी व बच्चों के साथ चाय पीने के लिए इलाके की एक दुकान पर चला गया। कुछ देर बाद उसने अपनी पत्नी व बच्चों को वहीं छोड़ दिया और घर लौट आया। सुब्रत की ससुराल उनके घर के बगल में है। वहां जाकर सुब्रत अपने साले की गैरमौजूदगी में उसके घर में घुसकर फांसी लगा ली।