29 अगस्त तक ईआरओ-एईआरओ की नियुक्ति का आदेश

मुख्य सचिव पंत ने नवान्न में की महत्वपूर्ण बैठक
मुख्य सचिव मनोज पंत
मुख्य सचिव मनोज पंत
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कोलकाता: विधानसभा चुनाव से पहले प्रशासनिक क्षेत्र में हलचल तेज हो गयी है। नवान्न से मिले निर्देश के अनुसार राज्य में एसआईआर यानी वोटर लिस्ट का विशेष गहन पुनरीक्षण की प्रक्रिया अब केवल समय की प्रतीक्षा कर रही है। इसी कड़ी में बुधवार की सुबह मुख्य सचिव मनोज पंत ने जिलाधिकारियों के साथ एक घंटे से अधिक समय तक आपात बैठक की।

सूत्रों के मुताबिक, बैठक के दौरान स्पष्ट निर्देश दिए गए कि 29 अगस्त तक सभी रिक्त पद भरकर ईआरओ (इलेक्टोरल रजिस्ट्रेशन ऑफिसर) और एईआरओ (असिस्टेंट इलेक्टोरल रजिस्ट्रेशन ऑफिसर) की नियुक्ति रिपोर्ट चुनाव आयोग को भेजनी होगी। नवान्न के अनुसार, राज्य में फिलहाल करीब 612 पद रिक्त हैं। ओबीसी आरक्षण मामले समेत कई कारणों से यह नियुक्ति प्रक्रिया लंबे समय से अटकी हुई थी।

चुनावी दृष्टि से ईआरओ और एईआरओ की मौजूदगी बेहद महत्वपूर्ण मानी जाती है। एक ईआरओ के अंतर्गत सामान्यतः 7 से 10 एईआरओ कार्यरत होते हैं, लिहाजा कुल मिलाकर 3,000 से अधिक एईआरओ की आवश्यकता है। प्रशासन ने वैकल्पिक व्यवस्था पर भी विचार शुरू कर दिया है। ब्लॉक स्तर के एक्सटेंशन ऑफिसर या समकक्ष अधिकारियों को अस्थायी रूप से एईआरओ की जिम्मेदारी सौंपने का प्रस्ताव है, हालांकि इसके लिए चुनाव आयोग की अनुमति अनिवार्य होगी।

इस बीच बूथों की संख्या बढ़ने से बीएलओ (बूथ लेवल ऑफिसर) की भी अतिरिक्त जरूरत पड़ रही है। इसके लिए नये नाम पहले ही भेजे जा चुके हैं और आयोग की मंजूरी भी मिल चुकी है। प्रशासनिक जानकारों का मानना है कि लोकसभा चुनावों की तुलना में विधानसभा चुनावों में ईआरओ और एईआरओ की भूमिका कहीं अधिक महत्वपूर्ण होती है। ऐसे में, समय सीमा के भीतर रिक्तियां भर पाना प्रशासन के लिए बड़ी चुनौती होगी। चुनाव से पहले एसआईआर आने पर राज्य का प्रशासनिक ढांचा एक कठिन परीक्षा से गुजरने वाला है।

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