अवसंरचना विकास बढ़ाने को सांसद ने केंद्र से विशेष अनुदान मांगा

सांसद बिष्णु पद रे ने किया केंद्र सरकार से आग्रह
अवसंरचना विकास बढ़ाने को सांसद ने केंद्र से विशेष अनुदान मांगा
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सन्मार्ग संवाददाता

श्री विजयपुरम : अंडमान एवं निकोबार द्वीपसमूह के सांसद बिष्णु पद रे ने एक बार फिर केंद्र सरकार से संशोधित अनुमान और बजट अनुमान के तहत केंद्र शासित प्रदेश के बजट को बढ़ाने तथा द्वीपसमूह में आवश्यक अवसंरचना विकास के लिए 5,000 करोड़ रुपये का विशेष अनुदान स्वीकृत करने का आग्रह किया है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, गृह मंत्री अमित शाह और वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण को संबोधित अपने पत्र में सांसद ने उल्लेख किया कि विशेषकर पूंजीगत मद के अंतर्गत वर्तमान आवंटन इस दूरस्थ द्वीप प्रदेश की अत्यावश्यक अवसंरचना जरूरतों को पूरा करने के लिए पर्याप्त नहीं हैं। उन्होंने बताया कि आवश्यक धनराशि ग्रामीण एवं शहरी सड़कों, राज्य राजमार्गों, नगरपालिका सड़कों, पुलों, कल्वर्टों और हाई ड्रेन सहित प्रमुख नागरिक और ग्रामीण अवसंरचना के निर्माण, मरम्मत और उन्नयन, पंचायतों और नगर परिषदों की परिसंपत्तियों को सुदृढ़ करने, संवेदनशील क्षेत्रों में रिटेनिंग/प्रोटेक्शन वॉल के निर्माण, खेल के मैदान, सामुदायिक परिसंपत्तियों और सार्वजनिक उपयोगिताओं के विकास, जल संग्रहण संरचनाओं/बांधों के निर्माण तथा पुरानी पाइप लाइनों को बदलने जैसे कार्यों के लिए अत्यंत आवश्यक है। सांसद ने बताया कि गृहमंत्रालय ने उनके पूर्व अनुरोध को यूटी प्रशासन को अग्रसारित किया था, लेकिन प्रशासन की 19.11.2025 की प्रतिक्रिया में 5,000 करोड़ रुपये के इस एकमुश्त विशेष अनुदान के संबंध में कोई प्रस्ताव शामिल नहीं था, जबकि प्रशासन ने राजस्व और पूंजीगत दोनों मदों में अधिक धन की आवश्यकता स्वीकार की थी। उन्होंने चिंता जताई कि हाल के बजटों में पूंजीगत आवंटन को बढ़ाया नहीं गया है, बल्कि कुछ मामलों में कम भी किया गया है, जबकि पंचायतों, नगर परिषदों और आम जनता की मांगें लगातार बढ़ रही हैं। उन्होंने यह भी रेखांकित किया कि 2015 में श्री विजयपुरम नगर परिषद का विस्तार 18 से 24 वार्डों तक कर दिया गया था, लेकिन इसके लिए कोई अतिरिक्त वित्तीय आवंटन नहीं किया गया, जिसके कारण नगर परिषद और 70 ग्राम पंचायतें सड़कों, नालों और अन्य नागरिक अवसंरचना के रखरखाव में संघर्ष कर रही हैं, विशेषकर नये जुड़े क्षेत्रों में जहां स्थिति अत्यंत खराब है।

द्वीपों की भौगोलिक चुनौतियों, सीमित स्थानीय संसाधनों और बढ़ती पर्यटन क्षमता को ध्यान में रखते हुए सांसद ने जोर दिया कि मुख्य सार्वजनिक अवसंरचना को उन्नत करने और सतत विकास को बढ़ावा देने के लिए 5,000 करोड़ रुपये का विशेष अनुदान अत्यंत आवश्यक है। अतः सांसद ने केंद्र सरकार से अनुरोध किया कि वह संशोधित अनुमान 2025–26 और बजट अनुमान 2026–27 के तहत विशेषकर पूंजीगत मद में आवंटन की समीक्षा कर उसे बढ़ाए तथा 5,000 करोड़ रुपये के विशेष अनुदान को चरणबद्ध रूप से स्वीकृत करते हुए यूटी प्रशासन को इसके प्रभावी उपयोग के लिए कार्ययोजना तैयार करने का निर्देश दे। सांसद ने यह भी दोहराया कि अंडमान एवं निकोबार द्वीपसमूह के लोग क्षेत्र के समग्र कल्याण और विकास के लिए केंद्र सरकार के निरंतर सहयोग की उम्मीद करते हैं।

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