नई दिल्ली - कांगो के अधिकारियों के अनुसार, पूर्वी कांगो के सबसे बड़े शहर गोमा और उसके आस-पास के क्षेत्रों में रवांडा समर्थित विद्रोहियों के खिलाफ चल रही कार्रवाई में पिछले एक सप्ताह में 800 से अधिक लोग मारे गए हैं।
विद्रोहियों ने गोमा पर कब्जा कर लिया था और अन्य इलाकों पर भी कब्जा करने की कोशिश की, लेकिन कांगो की सेना ने उन्हें काफी हद तक नाकाम कर दिया है। सेना ने बड़ी कार्रवाई करते हुए कुछ गांवों पर भी नियंत्रण प्राप्त कर लिया है।
Congo के खनिज-समृद्ध पूर्वी क्षेत्र पर कब्जा करना चाहते हैं विद्रोही
कांगो सरकार के प्रवक्ता पैट्रिक मुयाया ने राजधानी किंशासा में संवाददाताओं से कहा कि अब तक 800 से अधिक लोग मारे गए हैं और 2,880 लोग घायल हुए हैं, जिनका इलाज जारी है। उन्होंने यह भी बताया कि मृतकों की संख्या में और बढ़ोतरी हो सकती है। स्थानीय निवासी जीन मार्कस ने कहा, "मैं थक चुका हूं और नहीं जानता कि कहां जाऊं। हर जगह सिर्फ दुख और तबाही है।" जीन के एक रिश्तेदार की इस संघर्ष में मौत हो गई है।
कांगो के खनिज-समृद्ध पूर्वी क्षेत्र पर कब्जा करने के लिए 100 से अधिक हथियारबंद समूहों में 'M23' सबसे ताकतवर है। संयुक्त राष्ट्र के विशेषज्ञों के अनुसार, इस समूह को पड़ोसी देश रवांडा के सैनिकों का समर्थन मिल रहा है।
क्या है M23 ?
विद्रोही गुट M23 कांगो में सक्रिय 100 से अधिक विद्रोही गुटों में से एक है। इस गुट ने 2012 में गोमा पर अस्थायी रूप से कब्जा कर लिया था, लेकिन अंतरराष्ट्रीय दबाव के बाद इसे पीछे हटना पड़ा था। हालांकि, 2021 के अंत से इस गुट ने फिर से इस क्षेत्र में अपनी मौजूदगी बढ़ानी शुरू कर दी थी।
कांगो सरकार और संयुक्त राष्ट्र ने रवांडा पर आरोप लगाया है कि वह इन विद्रोहियों को समर्थन दे रहा है, लेकिन रवांडा ने इन आरोपों को नकारा है। रवांडा के विदेश मंत्रालय ने कांगो पर आरोप लगाया है कि वह M23 के साथ बातचीत करने में असफल रहा है।